पंकजा ने कहा, देवेंद्र-अजित की सरकार देखकर लगा था झटका, 80 घंटे की सरकार से खुशी नहीं हुई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रही पार्टी की वरिष्ठ नेता पंकजा मुंडे ने कहा है कि मुझे अजित पवार के साथ देवेंद्र फडणवीस की 80 घंटे की सरकार को देखकर अच्छा नहीं लगा। राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने की खुशी थी, पर अजित के साथ इस तरह की सरकार से खुशी नहीं मिली। पार्टी की कोर कमेटी की सदस्य होने के बावजूद मुझे इस राजनीतिक घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं थी।
एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देवेंद्र-अजित की सरकार मेरे लिए धक्कादायक थी। पार्टी की कोर कमेटी की सदस्य होने के बावजूद मुझे इस सब की जानकारी नहीं थी। जब मैंने टीवी पर शपथ ग्रहण देखा तो मुझे धक्का लगा।
भाजपा से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे फेसबुक पोस्ट पर अनायास बवाल किया गया। हर साल 12 दिसंबर को गोपीनाथ गड पर मेरे पिता गोपीनाथ मुंडे जी की जयंती का कार्यक्रम होता है। उसी सिलसिले में मैंने फेसबुक पर पोस्ट लिखा था, लेकिन उसे गलत तरीके से प्रचारित किया गया। मेरे ट्विटर हैंडल पर कभी भी पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल नहीं था फिर उसे हटाने का प्रश्न कहां से आया।
शून्य से शुरुआत करने छोड़ी कोर कमेटी
भाजपा की कोर कमेटी छोड़ने की बाबत पंकजा ने कहा कि मैं शून्य से शुरुआत करनी चाहती हूं। मैं खुद को आजमाना चाहती हूं कि मैं कितनी मुंडे साहेब की वजह से हूं और कितनी अपने काम की वजह से। इसके पहले भी मैंने खुद को साबित किया है। अब एक बार फिर शुन्य से शुरुआत करनी है। मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं। अभिनेता अभिषेक बच्चन का उदाहरण देते हुए पंकजा ने कहा कि अभिषेक चाहे जितना अच्छा अभिनय कर लें, पर उनकी पहचान अमिताभ बच्चन के बेटे की ही रहती है।
बीड की परली विधानसभा सीट से अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे से चुनाव हार चुकी पंकजा ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं भले ही विधायक नहीं बन सकी पर मेरी वजह से कई विधायक चुने गए। मैं पार्टी पर कोई दबाव नहीं डाल रही। पद के लिए दबावतंत्र के इस्तेमाल की बाते बेबुनियाद हैं।
Created On :   15 Dec 2019 6:20 PM GMT