Nirbhaya Justice: 7 साल 3 महीने और 3 दिन, हैवानियत की रात से फांसी तक की कहानी...
- 20 मार्च
- 2020 को चारों दोषियों को आज सुबह 5.30 बजे फांसी की सजा दी गई
- 6 दिसंबर
- 2012 को दिल्ली में 6 लोगों ने चलती बस में मेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आज से 7 साल 3 महीने और 3 दिन पहले हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरी दुनिया को झकझोरकर रख दिया था। उस घटना में देश की एक बेटी के साथ ऐसी भयावह ज्यादती की गई थी, जिसको बयां करने के लिए कोई शब्द बना ही नहीं था। ऐसी घटना जिसने हर एक उस इंसान को सोचने पर मजबूर कर दिया था कि वाकई कोई इंसान दूसरे इंसान के साथ ऐसा कर सकता है। 6 दिसंबर की रात दिल्ली की एक मेडिकल छात्रा निर्भया के साथ 6 लोगों या यूं कहें कि दरिंदों ने न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि उसके अंगों को क्षत-विक्षत कर दिया, जिसकी कोई भी मनुष्य कल्पना तक नहीं कर सकता।
गुरुवार देर रात तक दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दोषियों के वकील ने फांसी को टालने की पुरजोर कोशिश की। दिल्ली हाई कोर्ट से दोषियों को राहत नहीं मिली। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की याचिका खारिज कर दी। आखिरकार निर्भया के चारों दोषियों को आज सुबह 5.30 बजे फांसी की सजा दी गई, लेकिन इन 7 साल 3 महीनों और 3 दिन में क्या-क्या हुआ हम आपको बताते हैं...
दर्दनाक हादसे से फांसी के फंदे तक की कहानी...
- 6 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया। इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर हर कोई दहशत में आ जाए। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी। इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था।
- 18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने 4 दोषियों (उस वक्त आरोपी) रामसिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया।
- 21 दिसंबर, 2012: पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठवें दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया।
- 29 दिसंबर, 2012: पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे सिंगापुर भेजा गया। वहां अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई। पीड़िता की मां ने बताया था कि वह आखिरी दम तक जीना चाहती थी।
- 3 जनवरी, 2013: पुलिस ने 5 वयस्क दोषियों (उस वक्त आरोपी) के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाखिल की।
- 17 जनवरी, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों दोषियों पर आरोप तय किए।
- 11 मार्च 2013: इसी बीच तिहाड़ जेल में राम सिंह ने खुदकुशी कर ली।
- 31 अक्टूबर, 2013: जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया। उसको तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।
- 10 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया।
- 13 सितंबर, 2013: कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई।
- 13 मार्च, 2014: दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।
- 15 मार्च, 2014: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर लगाई रोक।
- 20 दिसंबर, 2015: नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया, जिसे लेकर देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए।
- 27 मार्च, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
- 5 मई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड को सदमे की सुनामी करार दिया।
- 9 नवंबर, 2017: एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
- दिसंबर, 2019: करीब ढाई साल के बाद दोषी अक्षय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई।
- दिसंबर, 2019: निर्भया की मां की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका के खिलाफ याचिका दायर की गई।
- 7 जनवरी, 2020: दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी देने का वक्त मुकर्रर किया।
- 8 जनवरी, 2020: पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की। इसके बाद मुकेश की तरफ से भी ऐसा ही किया गया।
- 14 जनवरी, 2020: मुकेश की ओर से राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई गई, जो खारिज हो गई। लेकिन दया याचिका की प्रक्रिया की वजह से फांसी को टाल दिया गया और 1 फरवरी, सुबह 6 बजे का नया वक्त तय हुआ।
- 30 जनवरी, 2020: एक-एक करके पवन, अक्षय और विनय की ओर से कानूनी दांव खेले गए। जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट को रद्द किया और 3 मार्च की तारीख तय की गई।
- 2 मार्च, 2020: पवन गुप्ता की तरफ से राष्ट्रपति के पास याचिका दी गई, जिसके बाद 3 मार्च की तारीख भी रद्द हो गई। फांसी की नई तारीख 20 मार्च तय हुई।
- 19 मार्च, 2020: निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। वकील की तमाम कोशिशों के बाद रात 12 बजे हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
- 20 मार्च 2020: सुबह 5.30 बजे जब चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
Created On :   20 March 2020 6:54 AM IST
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