महाराष्ट्र: कांग्रेस से चर्चा करने के बाद ही NCP लेगी फैसला- नवाब मलिक
डिजिटल डेस्क, पुणे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस पुरजोर प्रयास कर रही हैं, लेकिन गठबंधन की तस्वीरें अब भी पूरी तरह से साफ नहीं पाई हैं। NCP ने रविवार को पुणे में पार्टी प्रमुख शरद पवार के घर कोर कमिटी की बैठक आयोजित की। बैठक के बाद NCP नेता नवाब मलिक ने कहा कि "हमने तय किया है कि कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद ही हम अगला फैसला लेंगे।" उन्होंने बताया कि सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और शरद पवार के बीच बैठक होगी। इसके अलावा रविवार को भी दोनों पार्टी के नेता बैठक करेंगे। साथ ही मलिक ने कहा कि "महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त होना चाहिए और एक वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए।"
Nawab Malik, NCP: We have decided that next decision will be taken only after discussion with Congress. Tomorrow Congress President Sonia Gandhi and Pawar Sahab will hold a meeting and day after tomorrow leaders of both the parties will meet. https://t.co/TQ1ib7FMAg
— ANI (@ANI) November 17, 2019
वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कहा कि "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, कांग्रेस और NCP एक साथ (गठबंधन के लिए) आ सकते हैं।" उन्होंने भी नवाब मलिक की बात को दोहराते हुए बताया कि शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बीच सोमवार को बैठक होनी है और हम देखेंगे कि कांग्रेस आगे बढ़ सकती है या नहीं।
Prithviraj Chavan, former Maharashtra CM and Congress leader: We are trying to find whether Shiv Sena, Congress NCP can come together. There is a meeting tomorrow between the leaders of Shiv Sena Congress. We will find out if we can go ahead or not. pic.twitter.com/fjfEwILMxB
— ANI (@ANI) November 17, 2019
न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बनी थी सहमति
बता दें कि शिवसेना, कांग्रेस और NCP के बीच शुक्रवार को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में सहमति बन चुकी है। जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उनमें किसान कर्ज माफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं। हालांकि अब भी सरकार गठबंधन को लेकर सियासी विचार-विमर्श जारी है। यदि गठबंधन बनना तय होता है, तो शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा, जबकि NCP और कांग्रेस को एक-एक डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। इसके अलावा शिवसेना और NCP को 14-14 मंत्री पद मिलेंगे। वहीं कांग्रेस के हिस्से 12 मंत्री पद आएंगे।
Created On :   17 Nov 2019 9:28 PM IST