एक्सपर्ट कमेटी ने कहा- स्पुतनिक लाइट के लिए भारत में अलग से फेज-3 ट्रायल की जरुरत नहीं, तीसरे चरण का रशियन डेटा पर्याप्त

Expert panel allows Dr Reddys to submit Russian trial data for nod to Sputnik Light
एक्सपर्ट कमेटी ने कहा- स्पुतनिक लाइट के लिए भारत में अलग से फेज-3 ट्रायल की जरुरत नहीं, तीसरे चरण का रशियन डेटा पर्याप्त
एक्सपर्ट कमेटी ने कहा- स्पुतनिक लाइट के लिए भारत में अलग से फेज-3 ट्रायल की जरुरत नहीं, तीसरे चरण का रशियन डेटा पर्याप्त
हाईलाइट
  • रशियन ट्रायल का डेटा वैक्सीन को मार्केट ऑथोराइजेशन देने के लिए पर्याप्त
  • वैक्सीन के लिए भारत में अलग से फेज-3 ट्रायल करने की जरुरत नहीं
  • स्पुतनिक लाइट को जल्द ही भारत में मंजूरी मिल सकती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिंगल डोज वाली रूस की वैक्सीन स्पुतनिक लाइट को जल्द ही भारत में मंजूरी मिल सकती है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी से कहा है कि वैक्सीन के लिए भारत में अलग से फेज-3 ट्रायल करने की जरुरत नहीं है। एक्सपर्ट  पैनल ने कहा कि तीसरे चरण के रशियन ट्रायल का डेटा वैक्सीन को मार्केट ऑथोराइजेशन देने के लिए पर्याप्त होगा। 30 जून को आयोजित एसईसी मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया है।

कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, स्पुतनिक लाइट और स्पुतनिक-V में कंपोनेंट-1 एक जैसा है। स्पुतनिक V का सेफ्टी और इम्यूनिटी डेटा पहले ही भारतीय आबादी पर किए ट्रायल से मिल चुका है। इसे भारत ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी भी मिली है। फिर अलग और एक जैसे ट्रायल कराने के लिए अधूरा डेटा और औचित्य सही नहीं लगता।

सिंगल शॉट वाली इस वैक्सीन का एफिकेसी डेटा करीब 79.4 फीसदी पाया गया है। बीते दिनों स्पुतनिक लाइट को बनाने वाली कंपनी ने दावा किया था कि यह कोरोना वायरस के हर स्ट्रेन के खिलाफ कारगर है। इसका अलग-अलग म्यूटेंट पर टेस्ट किया गया है। अभी तक इस वैक्सीन के लगने के बाद किसी भी व्यक्ति में कोई सीरियस बीमारी या लक्षण भी पैदा नहीं हुए हैं। स्पुतनिक लाइट की शुरुआती कीमत 10 डॉलर तक आंकी गई है। हालांकि अलग-अलग देशों में इसका रेट अलग हो सकता है।

कंपनी का कहना है कि वैक्सीन का सिंगल शॉट ही कारगर है। ऐसे में इससे कम वक्त में बड़ी जनसंख्या को टीका लगाया जा सकता है और संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। रूस, यूएई, घाना जैसे कई देशों में करीब 7,000 लोग इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल स्टडी में शामिल किए गए थे। दुनिया में अभी तक जो भी वैक्सीन आई हैं, उनमें से अधिकतर डबल डोज़ वैक्सीन ही हैं।

इससे पहले रूस की ही स्पुतनिक वी वैक्सीन को भारत में अप्रूवल दिया गया था। दो डोज वाली इस वैक्सीन की पहली किस्त 1 मई को ही भारत पहुंची थी। भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन का प्रोडक्शन हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर किया जा रहा है। 

Created On :   1 July 2021 3:51 PM GMT

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