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मायके गई पत्नी नहीं लौटी ससुराल, तो पति ने खा लिया जहर, हालत गंभीर
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डिजिटल डेस्क,सिंगरौली। पत्नी कुछ दिनों का कहकर अपने मायके चली गई और फिर लौटकर नहीं आयी। पति द्वारा लगातार उसे वापस ससुराल आने कहा गया, किंतु जब वह नहीं लौटी तो पति ने चूहा मार दवा खाकर अपना जीवन समाप्त करने की कोशिश की। पति गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस संबंध में पुलिस ने बताया कि सरई थाना क्षेत्र के ग्राम दुधमनियां में एक व्यक्ति के द्वारा जहरीला पदार्थ खाने की सूचना पर उसे शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया और उपचार के लिए भर्ती कराया गया। पीड़ित की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
इस संबंध में थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि दुधमनियां निवासी गोपीचंद साकेत पिता बैजनाथ साकेत उम्र 29वर्ष की पत्नी रीता साकेत अपने पिता जगमोहन साकेत के साथ मायके ग्राम पोंडी चली गई थी। लगभग दो महीने से गोपीचंद उसके घर आने की राह देख रहा था। बार-बार उसे बुलाने जाता लेकिन वह घर आने को तैयार न थी। शनिवार की सुबह 6:30 बजे उसने चाय के साथ घर में रखा चूहा मारने का पाउडर मिला कर पी लिया। गुस्से में उठाये गये कदम से उसे चक्कर आने लगे तो घर के लोगों ने मुहल्ले वालों को उसके द्वारा जहर खा लिये जाने की जानकारी दी। पुलिस को सूचित करने के साथ ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
खाद्यान्न ब्लैक कर रहे कोटेदार को ग्रामीणों ने पकड़ा
ग्रामीणों ने एक कोटेदार को शासकीय खाद्यान्न ब्लैक करते हुए पकड़ लिया। इस दौरान कोटेदार और ग्रामीणों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। छीना छपटी में कोटेदार की पीडीएस मशीन भी टूट गयी। जिसके बाद कोटेदार ने उन पर शासकीय दुकान में जबरन घुस कर मशीन तोड़ देने की शिकायत कर दी। जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होनें सामूहिक रूप से एसडीएम से शिकायत करते हुए कोटेदार को हटाने की मांग की। ग्रामीणों ने एसडीएम को लिखे गये शिकायती पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत खैरा के शासकीय कोटेदार द्वारा बीते जून और जुलाई का खाद्यान्न वितरित नही किया गया है। विक्रेता सूर्यकांत धर द्विवेदी के द्वारा लगातार टरकाया जा रहा है। हम गरीब आदिवासी लोग हैं जिनका खाद्यान्न चोरी से बाजार में बेच दिया जाता है। शासकीय खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने और अनियमित वितरण पर रोक लगातेे हुए कोटेदार को हटाये जाने की मांग की।
पुलिस कर रही जांच
ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। शनिवार की देर शाम तक मामला दर्ज नही किया जा सका था। बताया गया कि कोटेदार द्वारा एक महीने का खाद्यान्न दिया जा रहा था जिस पर ग्रामीणों ने बहस की और मामूली विवाद हो गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी। लेकिन भारी संख्या में एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों में कोटेदार की कार्यप्रणाली से आक्रोश व्याप्त है।
Created On :   21 July 2019 4:49 PM IST