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गेंहू खरीदी में 15 जगहों पर होगा धर्मकांटा, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
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डिजिटल डेस्क, कटनी गेंहू खरीदी के लिए एक तरफ पंजीयन का कार्य चल रहा है तो दूसरी तरप्रशासनिक तैयारी भी शुरु कर दी गई है। इस बार शासन के आदेश पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के द्वारा वे-ब्रिज(धर्मकांटा) को लेकर नया प्लान बनाया गया है। जिसमें 35 समितियो के लिए वेयर हाउस कार्पोरेशन 15 जगहों पर नाप-तौल कांटा लगाएगा। इसके लिए उन लोगों की मदद ली जाएगी, जो इस कारोबार को करते आ रहे हैं। जिससे की समय पर काम हो जाए और खरीदी के समय किसी तरह की परेशानी न हो। यह व्यवस्था शार्टेज की समस्या को लेकर की जा रही है। खरीदी के समय केन्द्र प्रभारियों और परिवहनकर्ता के बीच उपज वजन को लेकर तकरार बनीं रहती है। इसी विवाद को समाप्त करने के लिए शासन और प्रशासन मिलकर रबी उपार्जन में नया प्रयोग करने जा रहा है।
इन जगहों पर तैयारी
धर्मकांटे के लिए पंद्रह जगहों को प्रस्तावित किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत खितौली, ग्राम महगंवा, विलायतकला, करौंदीखुर्द, कृषि उपज मंडी हास, सिनगौड़ी, बंजारी, देवराकला, कुआ, केवलारी, चांदनखेड़ा, ढीमरखेड़ा, दशरमन और खमतरा में वे-ब्रिज स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। समितियों को भी अलग-अलग जगहों में प्रस्तावित कर दिया गया है। विभागीय अफसरों ने बताया कि दूरी और समितियों के हिसाब से स्थलों का निर्धारण किया गया है। जिससे की और अधिक सुविधाजनक से खरीदी का कार्य हो सके।
ऐसी चल रही थी व्यवस्था
धान उपार्जन तक उपज की तौल के लिए समितियों और प्रशासन को निजी कांटों पर ही पूरी तरह से निर्भर रहना पड़ता था। परिवहनकर्ता खरीदी केंद्रों से उपज का उठाव कर भण्डारण स्थल तक लेकर आते थे। खरीदी केन्द्र और गोदाम के बीच में या फिर भण्डारण स्थल के नजदीक जो धर्मकांटा होता था। उसमें वाहन सहित उपज का तौल कराते थे। जिसमें कई बार समितियों और परिवहनकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर विवाद होता था कि खरीदी केन्द्र से जितनी मात्रा में उपज का परिवहन गोदाम या फिर ओपन कैप के लिए हुआ है। उससे कम उपज पहुंचने की बात बताई जा रही है। जिसके बाद समितियों और परिवहनकर्ताओं के बीच नया विवाद शुरु हो जाता था। खरीफ उपार्जन में ही इस तरह का विवाद सामने आया था। जिसके बाद नापतौल विभाग ने जब हस्ताक्षेप किया। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
शार्टेज की समस्या से छुटकारा
खरीदी और भण्डारण में शार्टेज की समस्या से प्रशासन को छुटकारा मिलेगा। यदि इसके बाद भी गोदामों में कम उपज पहुंचती है तो समीप के तौल कांटें में वजन पर्ची का हवाला समिति का कर्मचारी दे सकेगा। जिसके बाद परिवहनकर्ता को ही दोषी माना जाएगा। अभी तक शार्टेज की समस्या आने पर पचास फीसदी लापरवाही परिवहनकर्ता और पचास फीसदी लापरवाही खरीदी केन्द्र के प्रभारी की माना जाती थी।
इनका कहना है
गेंहू खरीदी के समय 15 जगहों पर धर्मकांटा स्थापित किया जाना है। प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। निश्चित ही नई व्यवस्था से सभी लोगों को राहत मिलेगी।
Created On :   4 March 2022 2:21 PM IST