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कानपुर लैब टेक्नीशियन हत्याकांड: दोस्तों ने रची थी साजिश, फिरौती के लिए अपहरण फिर मारकर नदी में फेंका, डिप्टी एसपी समेत 11 अधिकारी सस्पेंड
- आईपीएस अपर्णा गुप्ता समेत चार अधिकारी सस्पेंड
- संजीत यादव के अपहरण-हत्या के मामले में कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, कानपुर। उत्तर प्रदेश में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या के मामले में योगी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए 11 अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया है। कानपुर की एएसपी आईपीएस अपर्णा गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा, अपहरण के समय डिप्टी एसपी रहे मनोज गुप्ता, चौकी इंचार्ज राजेश कुमार समेत 5 और पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। 6 सिपाहियों को भी सस्पेंड किया गया है। चौकी इंचार्ज चरणजीत राय पहले ही सस्पेंड हो चुके हैं। एडीजी बीपी जोगदंड पूरे मामले की जांच करेंगे। बता दें कि कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का उसके दोस्तों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया था और हत्या कर लाश को पांडु नदी में फेंक दिया था। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। गुरुवार रात पुलिस ने मामले में दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
क्या कहा पुलिस अधीक्षक ने?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया, बर्रा से अपहरण किए गए युवक की 23 जून को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 26 जून को उसे एफआईआर में तब्दील किया गया। 29 जून को परिजनों के पास फिरौती के लिए कॉल आया था। मामले में सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीमों को लगाया गया था। पुलिस की टीम ने इस मामले में संजीत के दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया। उन्होंने कबूल किया है, उन्होंने 26-27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को पांडू नदी में फेंक दिया।
शराब पिलाने के बहाने संजीत का अपहरण
पुलिस ने बताया कि कुलदीप, संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया। इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की फिरौती
लैब टेक्नीशियन के रिश्तेदार का दावा है, उन्होंने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की फिरौती दी है, लेकिन कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है, अब तक की जांच के अनुसार हमने पाया है कि कोई फिरौती नहीं दी गई है। फिर भी हम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं। दरअसल, 29 जून की शाम अपहर्ताओं ने पिता को फोन करके 30 लाख की फिरौती मांगी। 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिजनों को भेजा। अपहर्ता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई।
Created On :   24 July 2020 12:52 PM IST