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मथुरा: जेल से रिहा होने के बाद बोले डॉ. कफील खान- STF का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे एनकाउंटर में नहीं मारा
- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहाई का आदेश दिया था
- एएमयू में कथित भड़काऊ भाषण देने के बाद जनवरी से जेल में थे
- डॉ. कफील खान को मंगलवार देर रात मथुरा जेल से रिहा किया गया
डिजिटल डेस्क, मथुरा। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉ. कफील खान को जमानत पर मंगलवार देर रात मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया। खान के वकील इरफान गाजी ने कहा, मथुरा जेल प्रशासन ने हमें 11.00 बजे सूचना दी कि डॉ. कफील खान को लगभग आधी रात को रिहा किया जा रहा है। वहीं जेल से रिहा होने के तुरंत बाद ही डॉ. कफील ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, मेरे ऊपर झूठा केस लगाया गया, जेल में प्रताड़ित किया गया। इतना ही नहीं कफील ने तंज कसते हुए कहा, एसटीएफ को धन्यवाद, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मेरा एनकाउंटर नहीं किया।
Dr Kafeel Khan released from Mathura jail following conditional bail granted to him by Allahabad High Court.
— ANI UP (@ANINewsUP) September 1, 2020
He was booked under National Security Act arrested from Mumbai in Jan this year for his alleged provocative speech at AMU in Dec 2019 during anti-CAA protests. pic.twitter.com/V0kXf7TkkJ
डॉ. कफील खान ने कहा, मैं जुडिशरी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इतना अच्छा फैसला सुनाया। कफील ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि, झूठा आधारहीन केस मेरे ऊपर थोपा गया। बिना बात के ड्रामा करके केस बनाए गए और आठ महीने तक जेल में रखा। जेल में मुझे पांच दिन तक खाना-पानी दिए बिना मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं यूपी एसटीएफ को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं।
बता दें कि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डॉ. कफील की हिरासत को रद्द करते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के बाद जनवरी से ही खान जेल में थे।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने खान की मां नुजहत परवीन की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में तर्क दिया गया था कि खान को फरवरी में एक सक्षम अदालत ने जमानत दी थी और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना था। हालांकि, उन्हें चार दिनों तक रिहा नहीं किया गया और बाद में उनके खिलाफ एनएसए लगाया गया। याचिका में कहा गया, उनकी हिरासत अवैध है।
Created On :   2 Sept 2020 5:02 AM GMT