भूमिगत सीवरेज कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिये सीवरेज के चेंबर का लेवल ठीक हो

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
भूमिगत सीवरेज कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिये सीवरेज के चेंबर का लेवल ठीक हो

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में उज्जैन शहर में भूमिगत सीवरेज परियोजना कार्य की समीक्षा बैठक मंगलवार 3 नवम्बर को बृहस्पति भवन में सम्पन्न हुई। बैठक में सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी सहित अन्य अधिकारी एवं टाटा कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने शहर में भूमिगत सीवरेज परियोजना के कार्य में असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाये। सीवरेज के चेंबर का लेवल ठीक होना चाहिये। सड़कों पर चेंबर ऊपर-नीचे न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाये। चेंबर की डिजाईन ठीक हो। सीवरेज लाइन के कार्य का कभी भी जनप्रतिनिधि सामूहिक रूप से निरीक्षण करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने निर्देश दिये हैं कि भूमिगत सीवरेज परियोजना का कार्य सघन बस्ती में विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा है कि सीवरेज कार्य की समय-समय पर मॉनीटरिंग की जाये और कंपनी पर नियंत्रण ठीक ढंग से किया जाये। सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने सीवरेज कार्य पर नाराजगी प्रकट करते हुए कंपनी को निर्देश दिये हैं कि वह काम ठीक ढंग से करे और क्वालिटी पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सीवरेज लाइन का कार्य पहले बाहर-बाहर खुले स्थानों पर किया जाये, तत्पश्चात घनी बस्ती में सीवरेज का कार्य किया जाये। विधायक श्री पारस जैन ने बैठक में कहा कि विगत कई सिंहस्थ में कभी भी सिंहस्थ नहीं भराया, उन जगहों में अवैध कॉलोनियां बन रही है, या रकबा खाली है। इस सम्बन्ध में उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था और कलेक्टर द्वारा सर्वे भी कराया गया है। श्री पारस जैन ने इस सम्बन्ध में कलेक्टर श्री आशीष सिंह से चर्चा की। कलेक्टर ने अवगत कराया कि शासन को सात दिवस के अन्दर जानकारी भेज दी जायेगी। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल ने पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से उज्जैन शहर की भूमिगत सीवरेज परियोजना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि शहर में सीवरेज सिस्टम का मुख्य उद्देश्य सिस्टम को शहर से जोड़ना है, ताकि नागरिकों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सके। भूमिगत जलस्त्रोतों को प्रदूषण एवं गन्दे पानी की बदबू से शहरवासियों को बचाना है। शत-प्रतिशत घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ना है। यह कार्य फेज-1 एवं फेज-2 में पूर्ण किया जायेगा। इसी के साथ शिप्रा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना है। उज्जैन शहर के नौ वार्डों में अभी कार्य नहीं होना है। अभी 11 वार्डों में आंशिक रूप से कार्य किया जाना है। शहर के 34 वार्ड पूर्ण रूप से आच्छादित होंगे। नगर निगम आयुक्त श्री सिंघल ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत न्यूनतम दर पर राज्य स्तरीय तकनीकी समिति एसएलटीसी द्वारा वर्ष 2017 में स्वीकृत किया है। इसी वर्ष कंपनी को अनुबंध करने के उपरान्त 7 नवम्बर 2017 को कार्यादेश जारी किया गया। शहर में सीवरेज प्लांट हेतु शासकीय भूमि का नगर निगम को अग्रिम आधिपत्य प्राप्त एवं इन पर कार्य किया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण लगभग 65 प्रतिशत सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है। शहर में अभी तक करीब 120 किलो मीटर में पाईप लाइन डाल दी गई है।

Created On :   4 Nov 2020 3:50 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story