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टीम ने तीन और मिलों का खोला ताला, दो में नहीं मिला एक दाना
डिजिटल डेस्क, कटनी धान खरीदी में 8 करोड़ के घोटाले की जांच में अधिकारी जब सोमवार को संबंधित तीन मिलों में पहुंचे, तो यहां का नाजारा किसी जादू से कम नहीं रहा। मिलर्स संचालक तो डिलेवरी आर्डर के माध्यम से २ करोड़ 52 लाख रुपए की केन्द्रों से उपज का उठाव किए हुए थे, लेकिन मिलों से 2 करोड़ 28 लाख 72 हजार 600 रुपए की धान गायब मिली। जिसके बाद जांच प्रतिवेदन संबंधित थानों में सौंपा दिया है। सोमवार को प्रगति राइस मिल के संचालक योगेन्द्र उरमिलया के विरुद्ध कैमोर थाना में धारा 407, 409, 420 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। दरअसल इस मामले में सात मिलर्स फंसे हुए हैं। जिसमें दो मिलर्स और संबंधित उपार्जन केन्द्रों के कर्मचारियों के पर कुठला और माधवनगर थाने में मामला दर्ज किया जा चुका था। सोमवार को जांच टीम में शामिल अधिकारी नॉन जिला प्रबंधक रीवा संजय सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला अधिकारी बालेन्दु शुक्ला और नान के जिला डीएम मधुर खर्द के सामने मिलर/प्रतिनिधि उपस्थित हुए। ताला खोलकर जब जांच अधिकारी अंदर पहुंचे तो घोटाले की हकीकत सामने आई।
तीन मिलों में गायब मिली 2 करोड़ 28 लाख की उपज
क्र. फर्म प्रोपाराइटर उठाव सत्यापन
१. प्रगति राइस मिल योगन्द्र उरमलिया 3897 निरंक
2. सियाराम इंडस्ट्रीज लक्की रोहरा 4763 निरंक
3. वरुण इंडस्ट्रीज गिरधारी सेवलानी 4330 1200
खरीदी का सबसे बड़ा घोटाला
इतिहास में धान खरीदी में यह घोटाला इतिहास बनाने की कगार पर पहुंच गया है। मिलों को बढ़ावा देने के लिए शासन ने जब खरीदी केन्द्र से ही धान उठाव करने की छूट दी तो मिलर्स बड़ा खेल कर गए। कागजों में तो 8 करोड़ की उपज खरीदने का दावा मिलर्स और केन्द्र प्रभारियों ने किया था, लेकिन घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई। मिलर्स और समिति की कारगुजारी सामने आई।
पांच पर कार्यवाही, दो अभी भी बचे
एक पखवाड़े के अंतराल में जांच टीम ने दो मिलर्स पर एफआईआर दर्ज कराई है, तो तीन अन्य मिलर्स की भी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अभी दो मिलर्स कार्यवाही से दूर हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही अन्य राइस मिलर्स पर भी कार्यवाही की जाएगी। इस घोटाले के दायरे में आने वाले जयश्री कृष्णा इंडस्ट्रीज और वरुण इंडस्ट्रीज पर कार्यवाही शेष है।
Created On :   15 Feb 2022 5:43 PM IST