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खरीदी के पहले लिखी जा चुकी थी धान घोटाले की पटकथा, दागदार को कमान
डिजिटल डेस्क , कटनी ।जिले में 8 करोड़ के धान घोटाले की परत प्याज के छिलके की तरह उतर रही है। दरअसल खरीदी शुरु होने के पहले ही अफसरों के साथ मिलर्स और खरीदी केन्द्र के कर्मचारियों ने मिलकर इसकी पटकथा लिख ली थी। उबरा समिति में जिस भूपत द्विवेदी पर सहकारिता और खाद्य विभाग के अफसर मेहरबान रहे। वह इसके पहले 2016 में भी इसी तरह का कारनामा कर चुका था। कमीशन का खेल ही इसे कहेंगे कि 10 दिसम्बर 2021 को दोनों विभाग के अधिकारियों के पास समिति के प्रभारी प्रबंधक ने शिकायत की थी। इसके बावजूद सहकारिता विभाग के नए अफसर और खाद्य विभाग के पुराने अफसर उपार्जन समिति को यह बताने में नहीं चूके कि उक्त कर्मचारी दूध का धुला है। आखिरकार भूपत द्विवेदी ने सिंडिकेट की दम पर करीब 2 करोड़ 37 लाख का खेल कागजों में कर दिया गया। आधी रात को माधवनगर थाने में भूपत द्विवेदी के विरुद्ध मामला कायम किया गया है।
24 घंटें में 6 पर मामला दर्ज
माधवनगर थाने में देर रात 4 अन्य लोगों के विरुद्ध भी अमानत में ख्यानत का मामला दर्ज कर लिया है। जिसमें रोहरा इण्डस्ट्रीज के संचालक बन्टू रोहरा के साथ उबरा उपार्जन केन्द्र के खरीदी प्रभारी भूपत द्विवेदी, ऑपरेटर नितेश तिवारी के साथ प्रभारी प्रबंधक अनुज सिंह रघुवंशी को आरोपी बनाया गया है। इस तरह से 24 घंटें में पुलिस ने 4 करोड़ 54 लाख के गबन में तीन अलग-अलग एफआईआर में 6 लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की है। सोमवार को कार्यवाही की चर्चा चारों तरफ होती रही। सबसे मजे की बात तो बात यह रही कि उबरा समिति के कर्मचारी सोमवार को संघ के माध्यम से कलेक्टर को सफाई देने पहुंचे हुए थे। कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर जब उन्हें इस बात की भनक लग गई कि रात में उनके विरुद्ध मामला कायम कर लिया गया है, तो यहां से चेहरा छिपाते हुए भाग खड़े हुए। अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर से भागे दोषी कर्मचारी
उबरा समिति के प्रभारी भूपत सफाई देने दस्तावेज के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे। इनके साथ सहकारी समिति का संघ भी शामिल रहा। परिसर के अंदर जाने पर पता चला कि अभी मुलाकात नहीं हो पाएगी। जिसके बाद बाहर सभी लोग निकल गए। यहां पर पता चला कि माधवनगर थाने में रात में ही मामला दर्ज हो गया है। जिसके बाद परिसर के बाहर से चले गए।
सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान
नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक पर पुलिस ने जिस धारा के तहत आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। उसमें 7 वर्ष तक सजा का प्रावधान है। कानून के जानकार बताते हैं कि यदि पुलिस सही तरीके से न्यायालय में नागरिक आपूर्ति निगम का पूरा पक्ष रख सकी तो निश्चित ही इस मामले में आरोपियों को जेल होगी। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी उनका फोकस आरोपियों की गिरफ्तारी है।
धान में रेत मिलाने का रहा आरोपी
भूपत द्विवेदी धान में रेत मिलाने का आरोपी रहा। धान का वजन बढ़ाने के लिए यह उपज में रेत मिला रहा था। शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में आरोपी के विरुद्ध 420,467 और 468 के तहत मामला कायम किया था। यह मामला फि लहाल न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद उपार्जन समिति ने दोबारा से गड़बड़ी करने का मौका भूपत को दिया था, जबकि खरीदी के समय ही सहकारिता आयुक्त द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया था कि किसी भी दोषी कर्मचारी को खरीदी का जिम्मा न दिया जाए। इस संबंध में सहकारिता आयुक्त राजयश वर्धन कुरील ने बताया कि दस्तावेज को देखने के बाद ही इसमें और अधिक बताया जा सकता है।
Created On :   8 Feb 2022 1:58 PM IST