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सूचना के अधिकार अधिनियम से दी गई जानकारी में सामने आई हकीकत
डिजिटल डेस्क,कटनी। शहर के अंदर मुख्य मार्ग हो या फिर बाजार की सडक़ें अतिक्रमण के चलते संकरी हो गई हैं। यहां पर से गुजरते समय आपको परेशानी होती हो, जाम की समस्या से भी समय-समय पर जूझना पड़ता हो, लेकिन नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते को यह सब नहीं दिखाई देता। यह बात हम नहीं, बल्कि सूचना के अधिकार अधिनियम से मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है।
अगस्त में 31 दिन तक जब सुयश पुरवार ने जुर्माने और चालान की कार्यवाही मांगी। आरटीआई में जो पत्र नगर निगम ने आवेदक को दिया है। वह चौकाने वाला है। 30 दिन के अंतराल मे तो कहीं पर भी चालानी कार्यवाही नहीं की गई। यह बात अलग रही कि 31 वें दिन एक साथ 40 चालान काटने का कारनामा जिम्मेदारों ने कर दिखाया।
रसीदों का एक ही नंबर
जिस 40 रसीदों से चालान काटने की जानकारी दी गई है। उन सभी रसीदों में एक ही नंबर 2129 पड़ा हुआ है। इसी नंबर की रसीद से जुर्माने की राशि वसूली गई। जिसमें एक दुकानदार के नाम 500 रुपए और अन्य अलग-अलग दुकानदारों के नाम पर 200-200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। कटनी डेवलपमेंट एसोसिएशन ने यह आरोप लगाया कि जिस तरह से अतिक्रमण दस्ता काम कर रहा है। जुर्माने और चालानी की कार्यवाही की रसीद ने उसकी पोल खोल कर रख दी है। अधिकारियों को चाहिए कि इसकी जांच उच्चस्तरीय टीम से कराएं। जिससे हकीकत सबके सामने आ सके।
इनका कहना है
अतिक्रमण दस्ते द्वारा नियमित रुप से कार्यवाही की जाती है। अगस्त माह में अभियान के दौरान आखिरी दिन सभी जगहों पर चालानी की कार्यवाही की गई थी। शहर की सडक़ों में अतिक्रमण न होने पाए। जिसके लिए अधिकारी और कर्मचारी रोजाना मैदान में निकलते हैं। -शैलेन्द्र पयासी, अतिक्रमण प्रभारी
Created On :   7 Dec 2022 3:09 PM IST