राइस मिल बंद कर भागे संचालक, जांच टीम में शामिल अफसरों ने जड़ा ताला

The operators ran away after closing the rice mill, the officers involved in the investigation team locked up
राइस मिल बंद कर भागे संचालक, जांच टीम में शामिल अफसरों ने जड़ा ताला
कटनी राइस मिल बंद कर भागे संचालक, जांच टीम में शामिल अफसरों ने जड़ा ताला

डिजिटल डेस्क  कटनी धान खरीदी में घोटाले के आसार को देखते हुए संयुक्त टीम शुक्रवार को जब राइस मिल में दबिश दी तो संचालक मिल बंद कर भाग गए। जिसके बाद चार मिल पर अफसरों ने अपना ताला जड़ दिया है, दो बंद राइस मिल का पंचनामा बनाया गया है। यह कार्यवाही नागरिक आपूर्ति निगम के क्षेत्रीय अधिकारी एलएल अहिरवार के नेतृत्व में की गई। टीम में अन्य जिलों के अधिकारी के साथ जिला स्तर पर फूड विभाग और नागरिक आपूर्ति का अमला भी रहा। कार्यवाही के बाद मिलर्स ने फिर से सिंडिकेट बनाने में लगा हुआ है, ताकि इस मामले को दूसरे रास्ते में मोड़ा जा सके।
खरीफ उपार्जन से जुड़ा है पूरा मामला
यह पूरा मामला धान खरीदी से जुड़ा हुआ है। दरअसल खरीदी के समय राइस मिलर्स को मिल करने के संबंध में निर्देश दिए गए थे। जिसमें विभागीय सूत्रों ने बताया कि खरीदी केन्द्र से धान का आरओ तो मिलों के लिए जारी कर दिया गया, लेकिन इस बात की शिकायत मिली थी कि खरीदी केन्द्र से अनाज उठने के बाद भी मिलों में नहीं पहुंचा है। इसमें कई लोगों की भूमिका है। प्रदेश के अन्य जिलों में गड़बड़ी सामने आने पर गुरुवार को ही जांच टीम यहां पहुंच चुकी थी।
सात मिलों की जांच
सात मिलों की जांच टीम ने की। जिसमें जयश्री कृष्णा, वैभव इंडस्ट्रीज, प्रगति राइस मिल और लमतरा स्थित सुमन नारायण मिल में ताला मिला। अफसरों ने इन मिलों को सील कर दिया गया है। सियराम और रोहरा इंडस्ट्रीज में काम बंद मिला। मौके पर अधिकारियों ने पंचनामा बनाया। गुरुनानक राइस मिल में अफसरों ने स्टॉक का मिलान किया। टीम में रीवा नान डीएम संजय सिंह, कटनी तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव डीएसओ बालेन्दु शुक्ला, नान कटनी डीएम मधुर खर्द, जेएसओ पीयूष शुक्ला और दो क्वालिटी इंस्पेक्टर शामिल रहे।
राजनीतिक शरण में पहुंचे बिचौलिए
मामला फंसता देख अब धान खरीदी में शामिल बिचौलिए राजनैतिक शरण में पहुंच चुके हैं। जिससे की वे कार्यवाही से बच सकें। यह पहला मामला नहीं है, जब कार्यवाही होते देखे बिचौलियों ने बचाव का यह रास्ता अख्तियार किया हो। पिछले वर्ष ही संसारपुर धान खरीदी केन्द्र में 13 लाख रुपए की उपज के गबन में अफसर राजनैतिक दवाब में एक वर्ष तक दोषियों को बचाते रहे। बाद में दवाब पडऩे पर वे इस मामले में समूह के अध्यक्ष को आरोपी बनाए थे।

Created On :   5 Feb 2022 5:10 PM IST

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