गणित और अंग्रेजी के नहीं मिल रहे शिक्षक

teachers of maths and english are not available
 गणित और अंग्रेजी के नहीं मिल रहे शिक्षक
विज्ञान, संस्कृत और हिन्दी के अतिथि विद्वानों के पद पोर्टल पर नहीं  गणित और अंग्रेजी के नहीं मिल रहे शिक्षक

डिजिटल डेस्क कटनी । माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई के बीच शिक्षकों की कमीं से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल विज्ञान, संस्कृत और हिंदी विषय के पद ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। गणित और अंग्रेजी विषय के पद तो पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे हैं, लेकिन इस विषय के अतिथि विद्धान ही नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़ गई है। आलम यह है कि जिला स्तर पर एजुकेशन पोर्टल में विषय-वार शिक्षकों की जानकारी भी नहीं है। जिसके चलते स्कूल और वहां पर पढऩे वाले विद्यार्थी इस परेशानी से जूझ रहे हैं। जिले के 291 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर 445 शिक्षकों की आवश्यकता है। इसमें अधिकांश जगहों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो सकी है।
गणित और अंग्रेजी के चाहिए शिक्षक
445 अतिथि विद्धानों में सबसे अधिक आवश्यकता गणित और अंग्रेजी विषय के लिए शिक्षकों की है, लेकिन इन्हीं दो विषयों के विद्धान नहीं मिल रहे हैं। गणित के करीब 115 और अंग्रेजी के 130 अतिथि विद्धानों को खोजने में ही स्कूलों का समय बीत रहा है। संस्कृत विषय के 50 अतिथि विद्धानों की आवश्यकता है। इसी तरह से हिन्दी विषय के करीब 65 विद्धान विद्यार्थियों के लिए चाहिए। सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक जरुर मिल रहे हैं, लेकिन विज्ञान विषय का पद ही पोर्टल पर नहीं दिखाई दे  रहा है।
60 स्कूलों में एक शिक्षक भी नहीं
यह स्थिति और अधिक इसलिए चिंताजनक है कि जिले के 60 पीएस और एमएस ऐसे हैं। जहां पर एक भी स्थाई शिक्षक नहीं है। वर्तमान समय में दूसरे स्कूल के भरोसे यहां पर अध्यापन का कार्य चलाया जा रहा है। या फिर अतिथि विद्धान किसी तरह से पूरी कक्षाओं का जिम्मा संभाले हुए हैं। सामाजिक विज्ञान के अतिथि विद्धान के कंधों पर ही सभी विषयों की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके चलते अध्यापन कार्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
इनका कहना है

अतिथि विद्धानों की भर्ती स्कूल स्तर पर ही की जाती है। पोर्टल में पद प्रदर्शित नहीं होने की जानकारी नहीं है। यह बात जरुर है कि गणित और अंग्रेजी के अतिथि विद्धान ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल रहे हैं। विद्यार्थियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
- विनय दुबे, एपीसी जिला शिक्षा केन्द्र कटनी
 

Created On :   7 Sept 2021 2:30 PM IST

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