- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- शिमला
- /
- आवासहीन गरीबों के लिए इस वित्त वर्ष...
आवासहीन गरीबों के लिए इस वित्त वर्ष 10 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्यः मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, शिमला। 2nd September 2020 आवासहीन गरीबों के लिए इस वित्त वर्ष 10 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्यः मुख्यमंत्री ऽ जय राम ठाकुर ने मण्डी में विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा की मण्डी के विपाशा सदन में आज विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विकास परियोजनाओं का कार्य तय समय सीमा में पूरा किया जाए ताकि परियोजनाओं की लागत न बढ़े और समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक इनका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान गरीब आवासहीन लोगों के लिए विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 10 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा है, जो अपने आप में एक रिकाॅर्ड है। मण्डी जिला में पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान 14 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर एक हजार से अधिक लोगों को विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में 1,04,869 को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है, जिसके लिए इस वर्ष 156 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले लगभग तीन वर्षों में जिला में पेंशन के 31 हजार 530 मामले स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेज नेरचैक को कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, इसलिए इस मेडिकल काॅलेज का कार्य भार क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी को स्थानान्तरित किया गया है। अतः यह आवश्यक है कि क्षेत्रीय अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाईं जाएं। उन्होंने मेडिकल काॅलेज नेरचैक को आपातकालीन चिकित्सा मामलों को देखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेरचैक मेडिकल काॅलेज में वेंटिलेटर की सुविधायुक्त 28 बिस्तर हैं, जबकि जिला कोविड-19 अस्पताल व कोविड-19 देखभाल केन्द्रों आदि में कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए 300 से अधिक आइसोलेशन बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस में पूरे विश्व को अपनी विकासात्मक प्राथमिकताओं की पुनः योजना तैयार करने पर विवश किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों को भी अपनी प्राथमिकताओं और उद्देश्यों की योजना पुनः तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि विकास परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जा सके। विभिन्न विभागों के पास बिना खर्च की गई लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की धनराशि पड़ी है, जिसे चिन्हित कर विकास परियोजनाओं पर खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के बाद मण्डी प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है और इसमें कोविड-19 महामारी से निपटने में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की संभावना है, इसलिए हर संभव बचाव बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में सड़कों का उचित रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए और उन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए, जो निर्माण के अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को पुनः गति देने के लिए राज्य सरकार ने अनलाॅक-4 में कई रियायतें दी हैं। इसे देखेते हुए हमें और सतर्क रहना चाहिए और मास्क के प्रयोग के साथ-साथ परस्पर दूरी बनाए रखना चाहिए ताकि इस वायरस के संक्रमण को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व कांगनीधार में निर्माणाधीन संस्कृति सदन का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसका निर्माण समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। सुन्दरनगर के विधायक राकेश जमवाल ने मुख्यमंत्री से सुन्दरनगर में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह, स्टाफ क्वार्टर्स और भूमिगत मार्ग आदि का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के अन्तर्गत क्रियान्वित होने वाली 33 करोड़ रुपये लागत की पेयजल योजना डैहर के कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए। उन्होंने पूरे सुन्दरनगर शहर को मलनिकासी योजना के अन्तर्गत लाने और विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि जारी करने का भी आग्रह किया। बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि बल्ह क्षेत्र में विशेष रूप से नेरचैक में उचित जल निकासी की सुविधा की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने क्षेत्र में एक विश्राम गृह निर्माण का भी आग्रह किया। नाचन के विधायक विनोद कुमार ने कहा कि क्लस्टर विश्वविद्यालय मण्डी के बासा कैंपस के कार्य में तेजी लाने के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न सड़कों के स्तरोन्यन के लिए क%A
Created On :   2 Sept 2020 3:37 PM IST