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तूफानी हवाओं ने मचाई भारी तबाही, केले के पेड़ ध्वस्त - 30 करोड़ के नुकसान का अनुमान
डिजिटल डेस्क, हिंगोली। जिले की बसमत तहसील के कुरुंदा मेें तूफानी हवाओं ने भारी तबाही मचाकर रख दी। बुधवार शाम चली तेज हवा ने देखते ही देखते बिजली के पोल, पेड़ और घरों-दुकानो पर लगे छप्पर उड़ा दिए। सबसे ज्यादा नुकसान केला उत्पादकों का हुआ।बडी संख्या में केले के पेड़ गिरकर ध्वस्त हो गए, जिससे किसानो को लाखों रुपयो का नुक्सान हो गया। आसमान पर काले बादल छा गए, तेज हवाएं चलने लगी, जिससे बड़े वृक्ष घराशायी हो गए। बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होने के साथ ही बिजली के खंबे भी गिरे।
इस वर्ष केले को 20 रूपए प्रति किलो भाव मिलने से किसानो में खुशी की लहर थी, लेकिन तूफान के चलते खुशी दुख में बदल गई। गिरगांव और खाजमापुर वाड़ी मेें तेज हवाओ के साथ बरसात और ओलावृष्टी भी हुई। जिसमें किसान तुकाराम पुंडलिक नादरे, भाऊराव नादरे, विलास रायवाडे, गणेश नादरे, विठ्ठल चेंदेवार, केशव चेंदेवार, जानकिराम डालपुसे, कैलास मुके, गंगाधर नादरे, मारोती केंचे, शिवप्रसाद नरडेले, सुभाष नादरे, गणपती नादरे, गजानन नादरे, उत्तम नादरे, माधव मालेवार जैसे केला उत्पादक किसानो को भारी नुकसान हुआ। हालांकी 9 जून की सुबह से ही राजस्व विभाग ने तत्काल प्रभावित खेतों, झोपड़ियों में जाकर सर्वेक्षण का कार्य आरंभ कर दिया। प्राथमिक सर्वेक्षणानुसार 200 हेक्टर क्षेत्र के केले की फसल का लगभग 30 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अंदाजा व्यक्त किया गया।
उपविभागीय अधिकारी डॉ. सचिन खल्लाल के मार्गदर्शन में तहसीलदार अरविंद बोलंगे, तहसील कृषी अधिकारी गोविंद कल्याणपाड सहित राजस्व विभाग के मंडल अधिकारी प्रियंका खडसे, पटवारी नेहा कुलकर्णी, पटवारी विनोद गादेकर और कृषी सहायक हल्देवाड, शंकर जाधव, ग्राम सेवक जटाले, कदम ने मिलकर खेतों में जा पंचनामा शुरु कर दिया है। कुरुंदा, गिरगाव, खाजमापूरवाडी, दाभडी, सोमठाणा, परजना आदी क्षेत्रों में तबाही हुई। तहसीलदार बोलंगे ने बताया कि 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने वाले सभी किसानों को शासन से मुआवजा दिलवाया जाएगा। गंगाधर करहाले, पिराजी करहाले, प्रकाश करहाले आदी किसानों का घर पूरी तरह टूट गया।
Created On :   9 Jun 2022 5:06 PM IST