वनों से इतना लगाव कि रास नहीं आया एसी चैम्बरों में बैठकर काम करना

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
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बेहतर कार्य पर नेशनल स्तर में मिल चुका है पुरस्कार वनों से इतना लगाव कि रास नहीं आया एसी चैम्बरों में बैठकर काम करना

डिजिटल डेस्क,कटनी। पेड़-पौधों और वन्य प्राणियों के संरक्षण में अपना सब कुछ न्यौछावार करने वालों का नाम तो बीच-बीच में आप देश और प्रदेश स्तर पर सुनते होंगे, लेकिन बड़वारा रेंज आफिस में रेंजर पद पर पदस्थ डॉ. गौरव सक्सेना की कहानी अन्य लोगों से जरा हटकर है। वन्य जीव संरक्षण एवं जैव विविधता के श्रेष्ठ कार्यों में हाल ही में भोपाल स्तर पर सम्मानित रेंजर डॉ.सक्सेना को मैदान मेें जाकर इस काम से इस तरह से लगाव था कि चयन के बाद भी एसी चैम्बरों में बैठकर उन्हें काम करना राश नहीं आया और उन्होंने उस राह का चुनाव किया। जिसके बारे में वे किताबी ज्ञान तो पूरा हासिल कर चुके थे, लेकिन मैदान में जाकर इनके बीच काम करने की ललक मन में बनी रही।

स्कूल स्तर से ही इन्होंने इस राह का चुनाव कर लिया था। जन्तु विज्ञान में एमएससी डिग्री लेने के बाद पीएचडी के बाद प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के बाद कई विभागों के द्वार इनके लिए खुल गए। जिसमें जिला मलेरिया अधिकारी, पुलिस में फॉरेंसिक एक्सपर्ट, कॉलेज में सहायक

प्रध्यापक जैसे पदों पर चयनित होने के बाद भी  जंगलों को करीबी से जानने और यहां पर काम करने की ललक इन्हें यहां तक खींच लाई। इस संबंध में डॉ.सक्सेना बताते हैं कि पेड़-पौधों के साथ इकोसिस्टम सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं। निश्चित ही यदि सब इसमें सहभागिता निभाते हैं तो आगामी समय निश्चित ही तन, मन और धन से मानव जीवन के साथ सभी वर्गों के लिए सुकून भरा रहेगा।

जैव विविधता को मैदान में उतरा

जैव विविधता पर बात तो बहुत होती थी, लेकिन इसे मैदान में उतराने का काम डॉ.सक्सेना ने कर दिखाया। जिसका फायदा जहां हितग्राहियों को हुआ वहीं वन विभाग के आय में भी बढ़ोत्तरी हुई। जंगलों से बेशकीमती औषधि महत्व के पौधों और बीजों का जो विक्रय अप्रत्यक्ष रुप से होता था। जिसमें व्यापारी और ग्रामीणों के बीच एजेंट की भूमिका निभाने वाले लोग ही आर्थिक रुप से मजबूत होते थे। उस कुपरंपरा को इन्होंने अपनी टीम के साथ तोड़ा। जिसका परिणाम रहा कि भोपाल में मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया । इसके पूर्व भी इन्हें वन विभाग में जैव विविधता के क्षेत्र  में उत्कृष्ट कार्यों को लेकर भोपाल में सम्मानित किया गया जा चुका है। भारत सरकार वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो से भी इन्हें पुरुस्कार मिल चुका है।

Created On :   7 Nov 2022 8:22 AM GMT

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