मजदूरों के सत्यापन पर फिर साधी चुप्पी,अपराधियों का पनाहगाह बना कैमोर क्षेत्र

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मासूम से रेप की घटना के 50 दिन बाद भी नहीं चेती पुलिस मजदूरों के सत्यापन पर फिर साधी चुप्पी,अपराधियों का पनाहगाह बना कैमोर क्षेत्र

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में तीन साल की मासूम से जिला बदर के आरोपी द्वारा किए गए घिनौने कृत्य को 50 दिन बीत चुके हैं पर पुलिस प्रशासन ने इस घटना से अब भी कोई सीख नहीं ली। कैमोर के अमेहटा में एसीसी के निर्माणाधीन सीमेंट प्लांट के कार्य में बड़ी संख्या में बाहरी मजदूर काम कर रहे हैं। जिनका नियमानुसार पुलिस व्हेरीफिकेशन किया जाना चाहिए।

मासूम से रेप की घटना के बाद बाहरी कामगारों का व्हेरीफिकेशन का मामला एक बार फिर गर्माया था। तब पुलिस ने ठेकेदारों को नोटिस जारी  किए गए पर यह कवायद भी हर बार की तरह केवल कागजी खानापूर्ति ही साबित हुई।  अमेहटा प्लांट में काम करने वाले ज्यादातर मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश सहित मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के हैं।

ये मजदूर कैमोर,अमेहटा, मोहगांव एवं आसपास की बस्तियों में किराए के मकानों में निवास कर रहे हैं। कुछ मजदूर ठेकेदारों द्वारा बनाए गए अस्थायी मकानों में भी रहते हैं। इन मजदूरों के पुलिस व्हेरीफिकेशन को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठाई थी लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। जब कभी कोई बड़ी वारदात होती है तब ठेकेदारों को नोटिस जारी कर पुलिस द्वारा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है।

वारदातों पर नहीं लगी लगाम

कैमोर सहित आसपास का क्षेत्र अपराधियों का पनाहगाह बन गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मासूम से रेप का आरोपी तड़ीपार होने के बाद भी यहां पनाह लिए था। पिछले एक साल में चोरी की एक दर्जन से अधिक वारदातें हो चुकी हैं पर एकाध मामले में पुलिस को भले ही सफलता मिल गई हो लेकिन बड़ी वारदातों में हाथ खाली ही रहे। उल्लेखनीय है कि एक साल पहले सितम्बर में एसीसी के प्रबंधक के आवास में हुई चोरी का खुलासा करने में पुलिस को अब तक सफलता नहीं मिली। इस घटना के बाद भी पुलिस ने श्रमिकों का व्हेरीफिकेशन कराने के लिए ठेकेदारों को पत्र लिखे थे। यह पत्र भी केवल औपचारिकता साबित हुए।

अपराधियों के हौसले बुलंद

कैमोर में पिछले कुछ समय से पुलिस की भूमिका केवल जी हुजूरी तक सिमट कर गई है। मासूम से रेप की घटना के एक दिन पहले अमेहटा प्लांट के एचआर मैनेजर प्रदीप कुमार पिता सुदर्शन कुमार चौधरी (36) के साथ प्लांट अंदर स्थित आफिस में घुसकर एक दर्जन लोगों ने जमकर मारपीट की। आरोपियों ने टेबल, कुर्सी व वेट मशीन तोड़ डाले। एचआर मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने 24 घंटे बाद एफआईआर तो दर्ज की थी। इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं की गई। जबकि  आरोपी कैमोर में खुले आम घूम रहे हैं। विवेचना के नाम पर इस मामले का ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

प्लांट में घुसकर चोरी

यहां अपराधियों के दुस्साहस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार दिन पहले 27 अक्टूबर की रात 8 बजे अमेहटा प्लांट स्टील यार्ड गेट नं.2 से चोर दो लाख रुपये से अधिक का लोहे के सरिया चुरा ले गए थे। इनमें से कुछ आरोपी तो पकड़ गए लेकिन सरगना अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है।

इनका कहना है

ठेकदारों ने मजदूरों की सूची मोबाइल नम्बरों के साथ सौंपी है। जिसमें ज्यादातर स्थानीय मजदूर हैं। बाहरी मजदूरों की सूची नहीं दी गई है। ठेकेदारों को फिर से नोटिस दिए गए हैं। अमेहटा प्लांट के एचआर मैनेजर से मारपीट की विवेचना चल रही है, अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
-सुदेश सुमन, थाना प्रभारी कैमोर 
 

Created On :   2 Nov 2022 1:52 PM IST

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