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कचरा कुंडी खरीदी में अपहार का मामला, 144 कचरा कुंडियां खरीदी गई
डिजिटल डेस्क, बालापुर। वाड़ेगांव में कचराकुंडी खरीददारी में हुए कथित घोटाले का मुद्दा गूंजने के बाद अधिकारियों द्वारा मामले की जांच करने तथा जांच के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेज अचानक आग में नष्ट होना यह पुरा वाकैया संदेह पैदा करने वाला है। इस आशय की रिपोर्ट मिलने के बाद कचरा कुंडी खरीददारी में घोटाला साफ दिखाई देने से जिला परिषद के गुटविकास अधिकारी ने वाडेगांव ग्रापं के तत्कालीन ग्रामविकास अधिकारी गजानन डिवरे को निलंबित करने के आदेश जारी किए है। 144 कचरा कुंडी खरीदी में दस्तावेज उपलब्ध न करवाने के कारण तथा तबादले के बाद प्रभार हस्तांतरण में दस्तावेज आग में जलने की बात कह संदेह पैदा किया गया। डिवरे का कामकाज सेवा नियमों का भंग करने वाला है। इसलिए डिवरे को 3 मार्च से सेवा से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए है।
यह था मामला
बालापुर तहसील अंतर्गत् आने वाली वाडेगांव ग्रापं में 15 वें वित्त आयोग की निधि से 144 कचरा कुंडिया खरीदी किया जाना दिखाया गया था। लेकिन इस खरीदी में बड़े पैमानेे पर घोटाला किए जाने की शिकायत जिप के सदस्य चंद्रशेखर चिंचोलकर ने करने के बाद जांच के लिए अकोला पंस के शाखा अभियंता प्रसन्न राठोड, जिप के सहायक अधिकारी शाम इंगले, अकोट के गुटविकास अधिकारी किशोर शिंदे की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। उस समिति ने मौका मुआयना कर सम्बंधितों के बयान दर्ज किए तथा अपनी रिपोर्ट जिप को प्रस्तुत की। जिसमें कहा गया कि, तत्कालीन ग्रामविकास अधिकारी गजानन डिवरे का तबादला होने के बाद उनहोंने एन.एन. इंगले को 4 जनवरी 2022 तक निधि का अभिलेख सौंपना आवश्यक था। किन्तु ऐसा न करते हुए डिवरे ने शिकायत से सम्बंधित 15 वें वित्त आयोग की निधि का प्रभार इंगले को सौंपने में 20 दिन देरी की। जो संदेह को बल देता है। दूसरी ओर आग में अभिलेख नष्ट होने की शिकायत बालापुर पुलिस थाने में दी गई। किंतु मामला दर्ज करने के लिए दस्तावेज ग्रापं की ओर से उपलबध नहीं करवाए गए। जो संदेह निर्माण करने वाले है। अक्टुबर 2021 में 144 कचरा कंुडिया खरीदी गई। तीन माह बाद काम अधूरा रहा। उपलब्ध संग्रह तथा श्रमिकों पर किए गए खर्च में काफी अंतर है। खरीदी का व्यवहार नियमानुसार नहीं हुआ इसके कोई सबुत ग्रापं उपलब्ध नहीं करवाए। इसलिए गैरअर्जदार का जवाब तथा आग में अभिलेख नष्ट होने का कारण सही नहीं लगता इस आशय की रिपोर्ट जांच दल ने की।
रिपोर्ट झूठी
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निलंबन का जो आदेश जारी किया है, वह आदेश जांच समिति की रिपोर्ट पर जारी किया गया है। उस निर्णय का हम स्वागत करते है। किंतु जांच समिति ने जो रिपोर्ट जिला परिषद को प्रस्तुत की है, उस रिपोर्ट पर ग्रापं सरपंच के साथ कुल 9 सदस्यों ने आपत्ति जताई है। क्योंकि वह रिपोर्ट झूठा है तथा राजनीतिक दबाव में की गई कार्रवाई है।
मंगेश तायडे, सरपंच, ग्रापं वाडेगांव
Created On :   6 March 2022 4:13 PM IST