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डेंजर जोन खदानों में ओबी स्लाइडिंग का खतरा, भारी वर्षा से सहम जाते है लोग
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(वैढन)। मुंबई-बडोदरा जैसी बारिश यहां हुई तो अमलोरी,जयंंत, दुधिचुआ और खड़िया के डेंजर जोन में ओवी की खतरनाक लैंडस्लाइड हो सकती है। अमलोरी और खडिया में ओवी की लैंडस्लाइड देख चुके माइंस एरिया के लोग आसमान में घने काले बादलों की गडगडाहट और बारिश से सहम जाते है। जयंत कोल माइंस में बारिश के बाद भी ओवी की भयावह लैंडस्लाइड हो चुकी है, जिसमें 5 एनसीएल कर्मी और सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई थी। कोयले की बढ रही जरूरतों और उत्खनन के बढ़ते दवाब में आऊट सोर्सिग कंपनियां बेतरतीब तरीके से ओवी डंपिंग करती जा रही है। जिसके परिणामस्वरूप ओबी का पहाड़ खतरनाक स्थिति में पहुंचता जा रहा है। बारिश के दिनों में भी यह खतरनाक स्थिति में आ जाता है। क्षेत्र की कई कोयला खदानों की ओबी डंपिंग एरिया में लोगों की बसाहट आबाद है।
यहां है डेंजर जोन
एनसीएल की ओल्ड डीएव्ही स्कूल के पीछे निगाही, जयंत मुड़वानी डेम, बैगा बस्ती, दुधिचुआ और खडिय़ा में कुछ स्पॉट की ओवी डेंजर जोन में है। स्थानीय लोगों एवं जानकारो का कहना है कि ओवी कंपनिया जहां नियमों को दरकिनार कर रही है। उन्हें ओवी हटाने का लक्ष्य एचीवमेंट करने के पीछे भागना पड रहा है। जिससे वह तय मानकों को मानने से परहेज करती रहती है।
जिम्मेदार लोग उदासीन
बताया जाता है कि आऊट सोर्सिग कंपनियों द्वारा मनमाने तौर पर ओवी डंप करने पर सतत निगरानी की जानी चाहिए। लेकिन ओवी के डंपिग के बाद बेंच बनाने में समय और लागत से बचने के कारण लापरवाही कर जाती है। जिससे ओबी बारिश के दौरान किस तरफ से ढह जाये किसी को इसकी उम्मीद तक नहीं है। इन दिनों लोग चर्चा करते देखे जा सकते है कि कही मुंबई और बडोदरा जैसी बरसात हुई तो क्या हाल होगा।
निगाही-खड़िया में हो चुकी है लैंडस्लाइड
विगत दो साल पहले निगाही -खडिया परियोजना की ओबी धस चुकी है। जिसमें ओल्ड डीएव्ही स्कूल के पीछे एलसीएच कॉलोनी में ओबी पट गई थी।कॉलोनी के लोग लैंडस्लाइड की घटना से कई दिनों तक परेशान रहे। इसके अलावा खडिया की ओबी बहने से शक्तिनगर और खडिया बाजार के लोग भी कई दिनों तक प्रभावित हो चुके हैं।
जयंत में बेमौसम धसक चुकी है ओबी
एनसीएल के जयंत परियोजना में ओवी लैंडस्लाइड की भीषण हादसा हो चुका है। जिसमें 5 एनसीएल कर्मचारी और सुरक्षा गार्डों की दबकर मौत हो चुकी है। इस घटना में 5 दिनों बाद कड़ी मशक्कत के बाद शव निकाले गए थे। साथ ही प्रशासन और प्रबंधन की भारी किरकिरी हो रही थी। इसके बाद भी प्रबंधन ने सबक नहीं लिया। जिससे विगत दो साल पहले खडिया और निगाही परियोजन में ओबी धसने की घटना प्रबंधन की लापरवाही और उदासीनता को उजागर कर रहा हैं।
इनका कहना है
माइंस ऐरिया में प्री-मानसून की सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई है। खदानों में हाल रोड़ और नालियां बनाई गई है। कही की ओवी लैंडस्लाइड होने की स्थिति में नहीं है।
एसके सिंह,जनसंपर्क प्रबंधक,एनसीएल
Created On :   6 Aug 2019 1:16 PM IST