वारकरियों के लिए बनेगा विशेष मार्ग, प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला  

Pandhpur - Special road will be built for Warkaris, Prime Minister laid the foundation stone
वारकरियों के लिए बनेगा विशेष मार्ग, प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला  
पंढपुर वारकरियों के लिए बनेगा विशेष मार्ग, प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दक्षिण के काशी नाम से मशहूर सोलापुर के पंढपुर में स्थित मंदिर में भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी के दर्शन के लिए पैदल चलकर आने वाले वारकरियों (श्रद्धालुओं) के लिए अब विशेष पालखी मार्ग (पदपथ) मार्ग का निर्माण होगा। इस महामार्ग के दोनों तरफ वारकरी पालखी यात्रा के लिए पैदल चलकर पंढपुर मंदिर में पहुंच सकेंगे। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग की आधारशिला रखी।  इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 1200 करोड़ रुपए खर्च करके पंढरपुर को जोड़ने वाले लगभग सवा दो सौ किलोमीटर लंबाई वाले नेशनल हाईवे का लोकार्पण किया। पंढपुर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस समेत कई केंद्रीय मंत्री और राज्य के मंत्रियों के अलावा सांसद और विधायक शामिल हुए। जबकि राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग (एनएच-965) का निर्माण पांच चरणों में होगा। जबकि संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग (एनएच-965जी) का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। सभी चरणों में 350 किलोमीटर से अधिक लंबे हाइवे का निर्माण होगा। इस परियोजना पर 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होगा। 

पढ़रपुर से मेरा खास रिश्ताः मोदी  

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे पंढरपुर से बहुत खास रिश्ते हैं। मेरा पहला रिश्ता है गुजरात के द्वारिका का है। भगवान द्वारिकाधीश ही यहां आकर विट्ठल स्वरूप में विराजमान हुए हैं। मेरा दूसरा रिश्ता है काशी का है। मैं काशी से हूं और पंढरपुर हमारी दक्षिण काशी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पैदल पालखी मार्ग पर हर कुछ दूरी पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाए। पालखी मार्ग के दोनों ओर छायादार वृक्ष जरूर लगाए जाएं। मैं भविष्य में पंढरपुर को भारत के सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थलों में देखना चाहता हूं। मोदी ने कहा कि आषाढ एकादशी पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है। हजारों-लाखों श्रद्धालु, खींचे चले आते हैं। पूरे 21 दिन तक एक अनोखा अनुशासन, एक असाधारण संयम देखने को मिलता है। ये यात्राएं अलग-अलग पालखी मार्गों से गुजरती हैं। मोदी ने कहा कि अतीत में भारत पर न जाने कितने हमले हुए हैं। देश सैकड़ों साल की गुलामी में जकड़ा गया। लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था और दिंडी अनवरत चलती रही। महाराष्ट्र की भूमि में महात्मा फुले और वीर सावरकर जैसे अनेक पुरोधा जिस मुकाम तक पहुंचे उस यात्रा में वारकरी आंदोलन ने जो जमीन बनाई थी उसका बहुत बड़ा योगदान रहा है। जबकि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पालखी मार्ग पर वारकरियों के लिए सुविधा निर्माण के लिए हर संभव प्रयास करेगी। वारकरियों के लिए सरकार की ओर से कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। 


 

Created On :   8 Nov 2021 8:34 PM IST

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