रंग बिरंगी ड्रेसों में विद्यालय पहुंच रहे एक लाख विद्यार्थी,पुराने यूनिफार्म में शासकीय स्कूल के बच्चे मनाएंगे आजादी का पर्व

One lakh students reaching school in colorful dresses
रंग बिरंगी ड्रेसों में विद्यालय पहुंच रहे एक लाख विद्यार्थी,पुराने यूनिफार्म में शासकीय स्कूल के बच्चे मनाएंगे आजादी का पर्व
कटनी रंग बिरंगी ड्रेसों में विद्यालय पहुंच रहे एक लाख विद्यार्थी,पुराने यूनिफार्म में शासकीय स्कूल के बच्चे मनाएंगे आजादी का पर्व

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले के शासकीय स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में अध्ययनरत 1 लाख 10 हजार बच्चे आजादी का जश्न पुराने यूनिफार्म में ही मनाएंगे। 15 अगस्त के लिए 4 दिन का समय बचा हुआ है और बच्चों को अभी तक नए गणवेश नहीं मिले हैं। पिछले वर्ष जो यूनिफार्म मिले थे, वे कपड़े अब बच्चों को फिट नहीं बैठ रहे हैं तो कई बच्चों के गणवेश भी खराब हो चुके हैं। जिसके चलते बच्चों के अभिभावकों की मजबूरी होगी कि वे अपने बच्चों को पुराने और तंग कपड़े पहनाकर ही स्कूल भेजें। स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस को लेकर कार्यक्रमों की तैयारी शुरु कर दी गई है, लेकिन चकाचक यूनिफार्म की कमीं से स्कूलों का रंग फीका होते हुए दिखाई दे रहा है।

पिछले शैक्षणिक सत्र की भी कटौती

शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कोरोना संक्रमण कॉल के कारण स्कूलें बंद रही। इस दौरान यूनिफार्म का भी वितरण नहीं हो सका था। सत्र 2021-22 में कोरोना का असर कम हुआ और स्कूलों का संचालन शुरु हुआ तो फिर शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बच्चों को गणवेश दी गई। यूनिफार्म वितरण करते समय यह कहा गया कि यह यूनिफार्म शैक्षणिक सत्र 2019-20 का दिया जा रहा है। इसके बाद चालू शैक्षणिक सत्र का भी यूनिफार्म वितरित किया जाएगा, लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बाद बच्चों के पास पिछले शैक्षणिक सत्र की यूनिफार्म नहीं पहुंची है। 

समूह का नाम सप्लायरों ने काटी थी चांदी

शासन ने तो यह काम महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए सौंपा था। इसके बावजूद समूहों को सामने रखकर पर्दे के पीछे सप्लायरों ने चांदी काटी। जिसका परिणाम है कि एक वर्ष के अंदर ही बच्चों के यूनिफार्म खराब हो चुके हैं। बड़वारा में तो बीआरसी ही यह काम एक एनजीओ को दे दिए थे। स्कूलों के लिए यह सख्त निर्देश रहे कि एनजीओ जो यूनिफार्म दे रहा है। उसे वे चुपचाप रखते हुए बच्चों को वितरण कर दें। जिसके चलते कई बच्चों को ढीला तो कई बच्चों को तंग यूनिफार्म मिला। आठ माह के अंदर ही ये यूनिफार्म खराब हो चुके हैं, जानकारों की मानें तो शासन के तय मापदण्ड के हिसाब से कपड़े का चुनाव अधिकारी करते तो कम से कम दो वर्ष तक ये यूनिफार्म खराब नहीं होते।
 

Created On :   9 Aug 2022 3:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story