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आयल कंपनियों के नियमों ने बनाया ईंधन संकट
डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले में डीलज-पेट्रोल संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। आयल कंपनियों के नए नियमों से पम्प संचालकों के सामने बजट की समस्या पैदा कर दी। जिसका आपूर्ति पर असर पड़ा और जिले में डीजल-पेट्रोल का संकट गहरा गया। मंगलवार को बहोरीबंद, बाकल,रीठी में स्थितियों सुधार तो हुआ लेकिन कैमोर के पम्प तीसरे दिन भी ड्राई रहे। बताया गया है कि कुछ समय पहले तक आयल कंपनियां पम्प संचालकों को क्रेडिट पर डीजल-पेट्रोल की सप्लाई कर देती थीं। पम्प संचालक ईंधन की बिक्री के बाद आयल कंपनियों को भुगतान करते थे लेकिन अब एडवांस पेमेंट देने पर ही डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति की जा रही है।
पम्प संचालकों के अनुसार शनिवार-रविवार को बैंक बंद रहने से ड्राफ्ट नहीं बन पाए। सोमवार को ड्राफ्ट जमा होने के बाद डीजल-पेट्रोल की सप्लाई मिल पाई। अब मंगलवार से स्थितियों में सुधार हो रहा है।
तीसरे दिन लटके रहे ताले-
जिले के प्रमुख औद्योगिक नगर कैमोर के पेट्रोल पम्पों पर तीसरे दिन भी ताले लटके रहे। पम्प संचालकों ने डीजल-पेट्रोल नहीं के बोड लगा रखे हैं। बताया जाता है कि नायरा के पम्प में तो कई दिनों से डीजल-पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है। एचपीसीएल, बीपीसीएल एवं इंडियन आयल के पम्पों में भी ईंधन नहीं है।
इनका कहना है-
आयल कंपनियों के नए नियमों से डीजल-पेट्रोल की सप्लाई पर असर पड़ा है। मंगलवार को जिले के अधिकांश पेट्रोल पम्पों में सप्लाई सामान्य हो गई थी। चूंकि अब आयल कंपनियों ने क्रेडिट पर सप्लाई देना बंद कर दिया है और एडवांस पेमेंट के बाद ही डीजल-पेट्रोल डीलर को दिया जा रहा है। शनिवार-रविवार को बैंक बंद रहने एवं नगदी की व्यवस्था नहीं होने से डीलर समय पर डीजल-पेट्रोल नहीं ले पाते हैं। अब पूरे जिले में सप्लाई सामान्य हो गई है।
(बालेन्दु शुक्ला, जिला आपूर्ति अधिकारी)
Created On :   29 Jun 2022 9:54 AM GMT