- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Kanpur
- /
- विकास दुबे एनकाउंटर: जांच के लिए SC...
विकास दुबे एनकाउंटर: जांच के लिए SC ने तीन सदस्यीय कमेटी को दी मंजूरी, दो महीने में मांगी रिपोर्ट

- कमेटी में SC के पूर्व जज बीएस चौहान और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता शामिल
- तीन सदस्यीय कमेटी विकास दुबे एनकाउंटर मामले की करेगी जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच अब नई कमेटी करेगी। एनकाउंटर मामले में को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान गैंगस्टर के एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई तीन सदस्यीय जांच आयोग को मंजूरी दी। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे बीएस चौहान, इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को शामिल किया गया है। कोर्ट ने दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
A new committee, headed by retired Justice BS Chauhan and also including former UP DGP KL Gupta, constituted to probe #VikasDubey encounter matter following Supreme Court order. The probe committee will have to submit their report within two months.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 22, 2020
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा, वह खूंखार बदमाशों के खात्मे के लिए अब एनकाउंटर का सहारा न लें। उप्र पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया, विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश चौहान का नाम तीन सदस्यीय जांच आयोग का नेतृत्व करने के लिए प्रस्तावित किया है। आयोग के अन्य दो सदस्यों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा, न्यायमूर्ति चौहान की समिति को सचिवालयीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी, न कि राज्य सरकार द्वारा। पीठ ने दुबे एनकाउंटर की जांच की निगरानी करने से भी इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, सिर्फ इसलिए कि इसे इतना प्रचार मिला है, हम आपराधिक जांच की निगरानी शुरू नहीं कर सकते। आयोग एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू कर देगा।
Created On :   22 July 2020 3:26 PM IST