हिल गया मोरवा, एनसीएल ने कहा रोज की तरह तय समय में की ब्लास्टिंग 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
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 हिल गया मोरवा, एनसीएल ने कहा रोज की तरह तय समय में की ब्लास्टिंग 

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (मोरवा)। पिछली शाम 4:05 बजे मोरवा शहर अचानक हिल उठा। हिला ही नहीं बल्कि 6 से 7 सेकंड तक हिलता ही रहा। कई घरों में किचेन से बरतन गिरे तो कई मकान से बाहर निकल भागे। असमय अचानक हुए कंपन से सभी अवाक थे। कुछ ही देर में कयास का दौर शुरू हो गया और लोगों ने ठीकरा एनसीएल की खदानों में की गई ब्लास्टिंग पर फोड़ा। लेकिन जब इसकी जानकारी चाही गई तो एनसीएल प्रबंधन ने इसे सिरे खारिज कर दिया। जिसके बाद से लोगों में दहशत है कि कहीं भूकम्प तो नहीं, लेकिन चार घंटे बाद तक भी इस तरह की कोई  घटना होने की जानकारी नहीं होने से लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है। लोगों ने फोन पर एक दूसरे से कंपन होने की जानकारी लेकर अपने अपने तर्क देने शुरू कर दिये। बरसात के सीजन में हुई इस प्रकार की घटना से लोग घबरा कर रह गये है। इससे पहले भी कई घटनाओं में घरों के गिरने और लोगों के चोटिल होने की सूचनाएं रही हैं। शहर के करीब आ चुकी जयंत और दुधिचुआ खदान से इस प्रकार की घटनाएं होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इनका कहना है

एनसीएल प्रबंधन ने अपने तय समय 2 से 3 बजे ब्लास्टिंग की है। 2:00 बजे जयंत ने और 2:45 बजे दुधिचुआ खदान में ब्लास्टिंग हो चुकी थी। 4:05 पर एनसीएल के द्वारा ब्लास्टिंग नहीं की गई है। रोजाना 2 से 3 बजे के बीच ब्लास्टिंग का समय निर्धारित है, उसी के बीच तयशुदा मानकों से ब्लास्टिंग की जाती है। सीरज कुमार सिंह,जनसम्पर्क अधिकारी एनसीएल

लोगों ने क्या कहा

इस समय पर ब्लास्टिंग तो नहीं होनी चाहिये, लेकिन यदि हुई है तो एनसीएल को इसे संज्ञान में लेना चाहिये।वरना किसी भी समय कोई दुर्घटना हो सकती है, लगातार 7 सेकंड तक हिलने से भूकम्प होने का अंदेशा हुआ। 2-3 सेकंड तक और होता तो बेड छोडकऱ भागने वाले ही थे। - भूपेन्द्र गर्ग

20 वर्ष तक सिंगरौली तो रहेगा पर जिंदा कितने बचेगें ये तो यहां के तथाकथित भविष्यवक्ता ही बता पाएंगें। यदि भूकम्प भी आया है तो उसकी वजह शहर के  हेड तक खोदी गई खदान है। जिसकी जिम्मेदारी एनसीएल प्रबंधन की है। - ललित श्रीवास्तव

सिंगरौली मोरवा की जनता ब्लास्टिंग झेलते-झेलते इतने आदी हो गये है कि भूकंप भी आ जायेगा तो कोई घर से बाहर नहीं निकलेगा। फिर क्या हश्र होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है,आज की घटना से इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। - डीके सिन्हा

मैं जैसे ही बेड में लेटा बेड हिल रहा था। 4 से 5 सेकंड तक ऐसा प्रतीत हुआ और बेड से उतर जाना पड़ा। आपसी चर्चा भी की कि यह ब्लास्टिंग का समय नहीं है फिर क्या हुआ। किसी दिन ऐसी दुर्घटना सामने आ सकती है। हम समझेगें ब्लास्टिंग है और जान से हाथ धोना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी एनसीएल की होगी। - नरेन्द्र चंद्र सिंह

एनसीएल को यदि कोयला निकालने की आवश्यकता है तो लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देकर शहर दूसरी जगह बसा दे। बेवजह दहशत में डालने या फिर सामूहिक हत्या का इल्जाम एनसीएल प्रबंधन अपने सिर न ले। - जिया उर्रहमान, सदर
 

Created On :   30 July 2019 1:34 PM IST

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