मुंगेली : बच्चे शिक्षा, हुनर और खेलकूद के कौशल से बनाए अपनी विशिष्ट पहचान- श्री भूपेश बघेल

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मुंगेली : बच्चे शिक्षा, हुनर और खेलकूद के कौशल से बनाए अपनी विशिष्ट पहचान- श्री भूपेश बघेल

डिजिटल डेस्क, मुंगेली। बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य’ विषय पर आयोजित मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को मुंगेली जिले के नागरिकों और बच्चों ने भी तन्मयता से सुना मुंगेली 08 नवम्बर 2020 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 12वीं कड़ी का प्रसारण आज 8 नवम्बर को किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल लोकवाणी में बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात की। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल की बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य’ विषय पर आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को मुंगेली जिले के नागरिकों और बच्चों ने भी उत्साह पूर्वक तन्मयता से सुना। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 12 वीं कड़ी में बच्चों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चे अपनी सेहत, शिक्षा, हुनर, खेलकूद के कौशल के उच्च मानदंड हासिल कर, लगन और संस्कार से देश-दुनिया में अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बनाएं। राज्य सरकार द्वारा बच्चों की अच्छी सेहत, उनकी बेहतर शिक्षा, हुनर विकसित करने, खेल कौशल को उत्कृष्ट बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने और उसके संवर्धन, संरक्षण के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रिय समाचार चैनलों पर प्रसारित लोकवाणी में ‘बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य’ विषय पर बच्चों और प्रदेशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। प्रदेश के विभिन्न जिलों के बच्चों ने रेडियोवार्ता की 12वीं कड़ी के लिए पढ़ाई, खेलकूद से संबंधित अनेक प्रश्न रिकार्ड करवाए थे। चूंकि 14 नवम्बर को दीवाली के साथ बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू,का जन्मदिवस ‘बाल दिवस‘ भी है, इसलिए चाचा नेहरू से जुड़े बाल सुलभ रोचक प्रश्न भी बच्चों ने मुख्यमंत्री से पूछे, ‘चाचा नेहरू फैंसी ड्रेस छोड़कर हमेशा खादी के कपड़े और टोपी क्यों पहनते थे ?‘, ‘चाचा नेहरू को गुलाब के फूल बहुत ज्यादा पसंद क्यों थे ?‘ जिनका मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार जवाब दिया। साथ ही उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्त्वि, कृतित्व, उनके विचारों और व्यक्त्वि के रोचक पहलुओं से भी परिचित कराया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी के प्रारंभ में प्रदेशवासियों को इस माह की 14 तारीख को दीवाली पर्व सहित इससे जुड़े गौरी-गौरा, गोवर्धन पूजा, मातर, भाईदूज, देवउठनी एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा का मेला जिसे पुन्नी मेला भी कहा जाता है, पर्वों की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होने कहा कि नेहरू जी बच्चों में देश का भविष्य देखते थे और मानते थे कि भारत के बच्चे जितने शिक्षित और स्वस्थ होंगे, देश का भविष्य भी उतना ही सुरक्षित होगा। वे नई पीढ़ी को प्यार और दुलार के साथ सीख देना चाहते थे। वे बच्चों के बीच जाना पसंद करते थे और बच्चों के सवालों के खूब जवाब देते थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्यारे बच्चों, आपको पता ही है कि करीब 73 साल पहले तक हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था। सोचिए 200 साल की गुलामी में हमारे पुरखों की जिन्दगी कैसी रही होगी ? आजादी की लड़ाई के लिए जनता को संगठित करने, लड़ाई का नेतृत्व करने वाले लोगों में पंडित जवाहर लाल नेहरू अग्रणी नेताओं में शामिल थे। पंडित नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू उस जमाने के बहुत बड़े वकील और बहुत धनवान व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने चाचा नेहरू के बाल प्रेम के रोचक और ज्ञानवर्धक प्रसंगों के बारे में बच्चांे को बताया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू आजादी के आंदोलन के दौरान कितने जोखिम और कितनी परेशानियों से घिरे रहते थे, लेकिन इसके बीच में उन्होंने अपनी बेटी से पत्र के माध्यम से बातचीत जारी रखी। पंडित नेहरू की इकलौती बेटी थीं श्रीमती इंदिरा गांधी, जिन्हें 11 वर्ष की उम्र में बोर्डिंग स्कूल पढ़ने भेजा गया था। नेहरू जी को विभिन्न विषयों का गहरा ज्ञान था जिसे वे अपनी बेटी को देना चाहते थे। वर्ष 1928 में लिखे पत्रों में नेहरू जी का इतिहास और प्रकृति प्रेम बहुत खूबसूरती से उजागर होता है। नेहरू जी के ये पत्र दुनिया के साहित्य में बहुत ऊंचा स्थान रखते हैं। अपने पत्र में नेहरू जी ने पत्थर के एक छोटे से टुकड़े का उदाहरण देते हुए लिखा था-जब आप एक जर्रे के इतिहास को जानना चाहोगे तो यह सोचना पड़ेगा कि यह किस चट्टान का हिस्सा रहा होगा, जो कितना टूटकर, कितना घिसकर, कहां से बहकर आपके पास पहुंचा होगा।

Created On :   9 Nov 2020 1:17 PM IST

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