पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोक गायन से महकेगी 'विश्वरंग पुस्तक यात्रा 2022

Lokrag at Rabindra Bhavan: Vishwarang Pustak Yatra 2022 will be graced by the folk rendition of Padma Shri Malini Awasthi
पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोक गायन से महकेगी 'विश्वरंग पुस्तक यात्रा 2022
30 सितंबर की शाम रवीन्द्र भवन में 'लोकराग' पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोक गायन से महकेगी 'विश्वरंग पुस्तक यात्रा 2022

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी 30 सितंबर की शाम 6.30 बजे राजधानी (भोपाल) के रवीन्द्र भवन में पारंपरिक गीतों की गुँजार बिखेरेंगी। इस अवसर पर डॉ. विनीता चौबे जी की पुस्तकें– "संस्कार गीत" एवं "चतुर्वेदी चंद्रिका" "सामाजिक बदलाव के 125 साल" का "लोकार्पण" समारोह पूर्वक होगा।

श्री संतोष चौबे, वरिष्ठ कवि–कथाकार, निदेशक, विश्व रंग एवं कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा परिकल्पित भारत के चार राज्यों में एक साथ 11 भव्य विश्व रंग पुस्तक यात्राएँ 100 जिलों, 200 विकास खंडों, 500 ग्रामपंचायतों की 15000 कि.मी. की यात्रा करते हुए गावों, कस्बों, शहरों में पुस्तक संस्कृति की अलख जगाती "विश्वरंग पुस्तक यात्रा" 2022 के दस दिवसीय अभियान का चरम लोक संस्कृति एवं पुस्तक संस्कृति के इस उत्सवधर्मी उल्लास के साथ होगा। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, बिलासपुर (छत्तीसगढ़), खंडवा (मध्यप्रदेश), वैशाली (बिहार), आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग (झारखंड) और उनके सहयोगी संस्थानों की संयुक्त पहल पर आयोजित किताबों के इस विशाल काफि़ले में मालिनी अवस्थी की शिरक़त सुरमई परंपरा और मनोरंजन का सुनहरा ताना-बाना लिए होगी। "लोकराग" शीर्षक इस सभा का संयोजन टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केन्द्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल ने किया है। इस अवसर पर मालिनी अवस्थी को "शारदा चौबे लोक सम्मान" से विभूषित किया जाएगा।

लखनऊ में जन्मी मालिनी का संगीत के प्रति लड़कपन से ही रूझान रहा। इसी आग्रह के चलते उन्होंने भात खण्डे संगीत विश्वविद्यालय (लखनऊ) से हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। गायिकी में निखार और व्यावहारिक पहलुओं के मार्गदर्शन के लिए मूर्धन्य गायिका गिरिजा देवी की शागिर्द बनीं। तालीम और अभ्यास की पूँजी लेकर मालिनी ने जब सार्वजनिक सभाओं में दस्तक दी तो उनकी मीठी-मदिर और ठेठ मिट्टी की सौंधी गंध से महकती गायिकी ने हज़ारों श्रोताओं को उनका मुरीद बना लिया है। भारत के अनेक लोक उत्सवों और कुंभ-मेलों के आमंत्रण मिले। एनडीटीवी इमेजिन रियलिटी शो "जूनून" के जरिए मालिनी जी की गायिकी का ठेठ पारंपरिक अंदाज सरहद पार के मुल्कों को भी रास आया है। भारत सरकार के पद्मश्री अलंकरण के साथ ही संगीत नाटक अकादेमी दिल्ली और मध्यप्रदेश सरकार के राष्ट्रीय अहिल्या बाई सम्मान से भी उन्हें विभूषित किया जा चुका है।

Created On :   29 Sept 2022 7:53 PM IST

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