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कानपुर एनकाउंटर: विकास दुबे का करीबी जय वाजपेयी गिरफ्तार, गैंगस्टर की काली कमाई के खुलेंगे राज!
- कानपुर शूटआउट मामले में जय वाजपेयी और प्रशांत शुक्ला गिरफ्तार
- गैंगस्टर विकास दुबे के पैसों का हिसाब रखता था व्यापारी जय वाजपेयी
डिजिटल डेस्क, कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए एनकाउंटर के मामले में पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। शूटआउट के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी जय वाजपेयी और उसके एक साथी प्रशांत शुक्ला को रविवार रात गिरफ्तार किया गया। कानपुर के कारोबारी जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद उपलब्ध कराया था।
जय वाजपेयी ही विकास दुबे के पैसों का हिसाब रखता था। इसलिए माना जा रहा है कि जय की गिरफ्तारी से विकास दुबे की काली कमाई के कई राज सामने आएंगे।
#VikasDubey"s aide Jaykant Vajpayee the latter"s friend Prashant Shukla arrested for their involvement in #KanpurEncounter where eight Police personnel had lost their lives. FIR registered against them under multiple sections of the IPC, Criminal Law Amendment Act and Arms Act.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2020
इसके अलावा मारे गए एक अन्य गैंगस्टर बउआन दुबे का बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि घटना की रात वह बिकरू गांव में मौजूद था।
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के अनुसार, जय वाजपेयी और प्रशांत पर आर्म्स एक्ट और अपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी ने कहा, उनके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब पाए गए और जय वाजपेयी लापता गोला बारूद के बारे में नहीं बता सका।
सूत्रों के अनुसार, एनकाउंटर के मामले की जांच करने वाले विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि जय वाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की थी। बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं। कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय वाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले एक साल में जय और विकास के बीच छह बैंक खातों के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। कथित तौर पर दोनों सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक जय वाजपेयी ने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच मीडिएटर का काम किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हम आगे की जांच के लिए यह सारी जानकारी इनकम टैक्स और ईडी को दे रहे हैं।
Created On :   20 July 2020 10:15 AM IST