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जम्मू-कश्मीर: पुलवामा मुठभेड़ में हिजबुल का टॉप कमांडर ढेर, एक जवान भी शहीद
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सेना ने बुधवार (12 अगस्त) को आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया। पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल के एक टॉप कमांडर को मार गिराया। कार्रवाई के दौरान एक जवान भी शहीद हो गया। जबकि, एक जवान के घायल होने की खबर है।
#UPDATE One soldier lost his life in action in the ongoing Pulwama encounter. One AK along with grenades, pouches other war like stores recovered. Search operation underway: Chinar Corps, Indian Army https://t.co/z6EvoAH6JX
— ANI (@ANI) August 12, 2020
जानकारी के मुताबिक, पुलवामा के कामराजीपोरा में सेब के बागान में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया। जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। बताया जा रहा है, शुरुआती गोलीबारी में दो सैनिक घायल हो गए। घायलों में से एक ने श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके अलावा एक घायल जवान का इलाज चल रहा है।
पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने कमराजीपोरा गांव में संयुक्त अभियान चलाकर आतंकी को मार गिराया। मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए शव की पहचान आजाद ललहारी के रूप में हुई है। पुलिस सूत्रों ने बताया, ललहारी, रियाज नाइकू के बाद एचएम का मुख्य कमांडर बना था और वह कश्मीर में मोस्ट वांटेड स्थानीय आतंकवादी कमांडर था।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, ललहारी के खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज थीं। वह 22 मई को पुलवामा में हेड कॉन्स्टेबल अनूप सिंह की हत्या में भी शामिल था। पुलिस प्रमुख ने कहा, ललहारी ने हिजबुल के एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में शुरुआत की थी, जिसके लिए उसे सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। पीएसए नजरबंदी खत्म करने के बाद वह हिजबुल रैंक में शामिल हो गया था।
पुलिस मारे गए 3 आतंकियों का डीएनए मिलान कराएगी
वहीं कश्मीर पुलिस शोपियां जिले में 12 जुलाई को मुठभेड़ में मारे गए तीन संदिग्ध आतंकवादियों के डीएनए का मिलान कराएगी, क्योंकि राजौरी के कई परिवारों ने दावा किया है, एनकाउंटर के समय से उनके रिश्तेदार लापता हैं। खबर फैल रही है कि, मुठभेड़ में कथित रूप से इनके रिश्तेदार मारे गए हैं। राजौरी के परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिस पर पुलिस ने संज्ञान लिया है।
पुलिस ने कहा, कुछ परिवारों के इस दावे पर कि काम से शोपियां गए उनके रिश्तेदार लापता हैं, राजौरी जिले की पुलिस ने सोमवार को उन परिवारों से मुलाकात की। बताया गया, लापता हुए रिश्तेदारों से फोन पर उनकी आखिरी बार बात 17 जुलाई को हुई थी। इस बीच सोशल मीडिया पर यह खबर आई कि 18 जुलाई को शोपियां में हुई मुठभेड़ में जो आतंकवादी मारे गए, वे कथित रूप से इन परिवारों के रिश्तेदार थे।
पुलिस ने कहा, श्रीनगर स्थित पीसीआर कश्मीर में रखे शवों की पहचान के लिए पर्याप्त समय दिया गया। हालांकि शवों की शिनाख्त नहीं की जा सकी। पोस्टमार्टम और डीएनए के नमूने लिए जाने के बाद शवों को मजिस्ट्रेट के सामने दफनाया गया। इस बीच, सेना ने भी पीड़ित परिवारों व सोशल मीडिया के दावे को नोटिस में लिया और कथित ऑपरेशन की जांच शुरू की।
इससे पहले शनिवार (25 जुलाई) को श्रीनगर के रणबीरगढ़ इलाके में मुठभेड़ सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
- 18 जुलाई को जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए।
- 17 जुलाई को कुलगाम में सुरक्षाबलों ने नागनाद चिम्मेर इलाके में जैश-ए-मोहम्म्द के तीन आतंकियों को ढेर किया।
- 13 जुलाई को कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए थे।
- 12 जुलाई को सोपोर के रेबन इलाके में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था।
- 7 जुलाई को कश्मीर के पुलवामा के गुसू इलाके में मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर किया था।
- 4 जुलाई को कुलगाम के अर्राह इलाके में दो आतंकी मारे गए थे।
- गुरुवार 2 जुलाई को मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर हुआ था।
Created On :   12 Aug 2020 8:31 AM IST