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दिग्विजय ने कहा था- बच्चों में नफरत भरते हैं शिशु मंदिर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह के उस बयान का तत्काल संज्ञान लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे नफरत का पाठ सीखकर दंगा करते हैं। आयोग ने सोमवार को मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को चिठ्ठी लिखकर मामले को किशोर न्याय अधिनियम एवं आईपीसी की धाराओं का उल्लंघन बताते हुए दिग्विजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने को कहा है। एनसीपीसीआर ने इस मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भी चिठ्ठी लिखी है। आयोग ने सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों की शिकायत के आधार पर मामले का संज्ञान लेते हुए डीजीपी को भेजी चिठ्ठी में लिखा है कि कथित तौर पर दिग्विजय सिंह द्वारा की गई टिप्पणी सार्वभौमिक प्रकृति की है और सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चों के मान सम्मान और चरित्र को आघात पहुंचाने वाली प्रतीत होती है। यह आईपीसी की धारा का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह किशोर न्याय अधिनियम,2015 की धारा 3 की उपधारा (ii), गरिमा और योग्यता का सिद्धांत, (vii) सकारात्मक उपाय का सिद्धांत, (x) समानता और विभेद न किए जाने का सिद्धात आदि का उल्लंघन है।
आयोग ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जाए और मामले की जांच रिपोर्ट आयोग को आवश्यक दस्तावेजों के साथ 7 दिन के भीतर भेजी जाए। साथ ही आयोग ने कहा है कि जांच के दौरान शिकायत करने वाले बच्चों की पहचान गोपनीय रखी जाए। एनसीपीसीआर ने सांसद दिग्विजय सिंह को भी पत्र लिखकर सूचित किया है कि इस संबंध में डीजीपी को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है। आयोग ने सिंह से कहा है कि यदि उनके बयान के संबंध में वे कोई विशिष्ट तथ्यपरक जानकारी आयोग को देना चाहते है तो पत्र प्राप्ति के 3 दिनों के भीतर उपलब्ध करा सकते हैं।
Created On :   27 Sept 2021 10:00 PM IST