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कक्षा 7वीं की नहीं पहुंची हिन्दी, अंग्रेजी की वर्कशीट
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डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले में 7 नवंबर से प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की शुरु होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अधूरी तैयारी के साथ विद्यार्थी बैठेंगे। चार माह बाद भी स्कूलों में किताबों का वितरण शत-प्रतिशत नहीं हुआ है। कक्षा सातवीं के बच्चों के लिए लर्निंग आउटक्रम आधारित लर्निंग गेप सामग्री भी अधिकांश स्कूलों में नहीं पहुंची है। हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत की वर्कशीट बुक तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ऑल इज वेल का रॉग अलाप रहा है। शिक्षकों का कहना है कि अभी भी समय है। यदि नियिमत रुप से समीक्षा करते हुए समय पर स्कूलों में किताब भेज दिया जाए तो कम से कम विद्यार्थियों के पास इतना समय तो रहेगा कि वे एक बार किताबों का अध्ययन कर लेंगे।
यही बुक एग्जाम का आधार
यह वर्क बुक एग्जाम के लिए सबसे आवश्यक है। कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को दो-दो वर्कबुक दी जाती है। एक वर्क बुक में गणित, समाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय का समावेश होता है तो दूसरी बुक में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत विषय के प्रश्रों को शामिल किया जाता है। परीक्षा में इन्हीं वर्कबुक के आधार पर प्रश्न पूछे जाने हैं। ऐसे में हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत विषय का वर्कबुक नहीं मिलने से शिक्षक भी हैरान और परेशान हैं। शिक्षकों को विद्यार्थियों के रिजल्ट बिगडऩे का भी डर सता रहा है।
कई जगह पर परेशानी
किताबों के नहीं पहुंचने की कई स्कूलों में परेशानी है। इसके बावजूद प्रधानाध्यापक और शिक्षक उच्चाधिकारियों की डर से कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। दबी जुबान तो यह स्वीकार कर रहे हैं कि कुछ जगहों पर अभी भी प्रमुख विषयों की किताबेें नहीं पहुंची हैं, लेकिन स्कूल और स्वयं का नाम लेने में कतरा रहे हैं। किताबों की किल्लत स्लीमनाबाद और बड़वारा विकासखण्ड में बनी है। इसके पहले भी बिलहरी स्कूल में इसी तरह का मामला सामने आया था, जब त्रैमासिक परीक्षा के एक दिन पहले तक हाई और हायर सेकेण्ड्री स्कूल के बच्चों को शासन स्तर से किताबें नहीं मिली थी।
व्यवस्थाओं पर हीला-हवाली
इसके पीछे व्यवस्थाओं पर हीला-हवाली बरतने की बात सामने आ रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल खुलने के पहले शिक्षा विभाग के अमले को पाठय-पुस्तक वितरण के संबंध में जो व्यवस्थाएं बनाई जानी थी। उसमें अफसरों ने हीला-हवाली बरती। जिसका परिणाम रहा कि कुछ स्कूलों में
बच्चों के पास शत-प्रतिशत किताबेें नहीं हैं। विजयराघवगढ़ विकासखण्ड में भी वितरण में लापरवाही का मामला सामने आया था। मामला सोशल मीडिया में सामने आने पर यहां के अफसर बैकफुट पर आ गए थे।
इनका कहना है
जिले के अधिकांश स्कूलों में बीआरसी के माध्यम से किताबें पहुंच चुकी हैं। किसी भी स्कूल में किताब नहीं मिलने की जानकारी नहीं आई है। वर्कशीट का भी वितरण किया जा रहा है।
- के.के.डेहरिया, डीपीसी
Created On :   2 Nov 2022 1:31 PM IST