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Happy Gudi Padwa 2021: घरों में लहराया विजय पताका, जीत जाएंगे हम- तुम अगर साथ दो
डिजिटल डेस्क, माजलगांव। आज गुढ़ी पाड़वा के साथ हिंदू नव संवत्सर 2078 का शुभारंभ हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण लोग सावधानी पूर्वक घर में ही त्योहार मना रहे हैं। सभी एक-दूसरे को मैसेज के माध्यम से बधाई दे रहे हैं, क्योंकि देश सहित महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर बरपाया है। संक्रमण की बढ़ोतरी न हो इसलिए लॉकडाउन लगाया गया है। मंगलवार को लॉकडाउन के बीच लोगों ने अपने परिवारों के साथ सादगी से गुढ़ी पाड़वा का पर्व मनाया।
दैनिक भास्कर की ओर से सभी को गुढ़ी पाड़वा की बधाई। सोशल डिस्टेंस, बार-बार हाथ धोना और मास्क फिल्हाल बेहद जरूरी। वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना के नियमों का पालन करें।
इस खास दिन बनाए जाने वाले व्यंजन स्वास्थ्य वर्धक होते हैं। महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली मीठी रोटी (पूरन पोड़ी) भी बनाई जाती है। यह मीठी रोटी गुड़, नीम के फूल, इमली, आम आदि से बनाई जाती है।
13 अप्रैल को अपने घर में इस ध्वज को लगाने के कई लाभ हैं। साथ ही घर के दरवाजे पर आम या न्यग्रोध के पत्तों का तोरण, यानी बन्दनवार भी लगाया जाता है। जिससे घर के मुख्य द्वार से साल भर निगेटिव शक्तियों के प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। माना जाता है कि तोरण लगाने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती, हालांकि आज के दिन पीपल, तुलसी, नीम, बरगद और बहेड़ा का वृक्ष लगाना भी शुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्र के पहले दिन मराठी समुदाय धूम धाम से गुढ़ी पाड़वा मनाता है। वैसे तो इस पर्व पर एक दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं दी जाती हैं। इस बार सभी सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दे रहे हैं। सुबह से ही घरो में उत्साह का माहौल बनता गया।
इस दिन एक डंडे पर लोटा लगाया जाता है, जिसे साड़ी के साथ मीठी नीम और आम की पत्तियों से सजा गुड़िया की शक्ल दी जाती है। इसमें गुढ़ी शब्द का अर्थ विजय पताका और पाड़वा का अर्थ तिथि से जुड़ा उत्सव है।
Created On :   13 April 2021 6:43 PM IST