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तीन घंटे तड़पने के बाद मरीज की मौत , डॉक्टर की लापरवाही, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
डिजिटल डेस्क,कटनी। शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। जिले के अस्पतालों में स्थितियां आउट आफ कंट्रोल हो गई हैं। डॉक्टर की गंभीर लापरवाही का मामला मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद में सामने आया है। तीन घंटे तड़पने के बाद मरीज का दम निकल गया। मरीज की मौत के एक घंटे बाद डॉक्टर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर की लापरवाही से ग्रामीणों ने व्यापक आक्रोश देखा गया। मरीज के साथ आए परिजनों सहित ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर लापरवाह डॉक्टर के निलंबन की मांग की है।
6.00 बजे भर्ती, 9.30 पर हो गई मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार जमुनिया गांव के मंत्री पटेल की अचानक तबीयत खराब हुई तो परिवारजन सुबह 6.30 बजे बहोरीबंद अस्पताल लेकर आए। उस समय अस्पताल में डॉक्टर उपस्थित नहीं थे वहां सिर्फ एक नर्स थी। नर्स ने डॉक्टर गौरव अवस्थी को मरीज मंत्री पटेल की तबीयत के बारे में फोन पर जानकारी दी। डॉक्टर ने फोन पर ही इलाज करने के लिए नर्स को कहा। नर्स के इलाज के बाद भी मरीज मंत्री पटैल की तबियत में सुधार नहीं हुआ और परिजन नर्स से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे। अंतत: 9.30 बजे मरीज मंत्री पटेल के प्राण पखेरू उड़ गए। मृतक के परिजनों के अनुसार डॉ.अवस्थी क्वार्टर में आराम फरमाते रहे लेकिन इलाज करने अस्पताल नहीं आए। मरीज की मौत के डेढ़ घंटे बाद 11 बजे डॉ.अवस्थी अस्पताल पहुंचे। जब मरीज के परिजनों एवं अन्य लोगों ने उनसे बात करने का प्रयास किया तो उन्होने दो टूक जवाब दिया कि उनके पास बात करने का समय नहीं है।
पहले भी लापरवाही आ चुकी है सामने
बताया गया है कि डॉ.गौरव अवस्थी लापरवाही पहले भी प्रमाणित हो चुकी है। एसडीएम एवं डॉ.पाठक द्वारा किए गए निरीक्षण में डॉ.अवस्थी अस्पताल से अनुपस्थित पाए गए थे लेकिन हाजिरी रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर थे। जिस पर पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया था। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने एवं अस्पताल से नदारद रहने की शिकायतों पर सीएमएचओ द्वारा डॉ.अवस्थी को पूर्व में दो बार शोकाज नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं आया।
यहां ट्रांसफर के बाद भी डटे हैं डॉक्टर
उल्लेखनीय है कि प्रदेश शासन ने शासकीय अस्पतालों में ओपीडी का समय सुबह नौ से शाम चार बजे तक कर दिया है। इसके बाद भी बहोरीबंद के डॉ.अवस्थी 11 बजे अस्पताल पहुंचे। इसी तरह की लापरवाही की शिकायत बड़वारा अस्पताल में पदस्थ डॉ.अनिल झामनानी के विरुद्ध लोगों ने की थी। जिस पर डॉ.झामनानी का स्थानांतरण बहोरीबंद एवं बरही से .सुनील पारासर की ट्रांसफर बड़वारा किया गया। 5 जुलाई को जारी स्थानांतरण आदेश का 25 दिन बाद भी पालन नहीं हो सका। डॉ.झामनानी को को रिलीव नहीं करने से सोमवार को बड़ी संख्या में लोग विधायक विजयराघवेन्द्र सिंह के पास पहुंचे और डॉक्टर को हटाने की मांग की।
इनका कहना है
बहोरीबंद में पदस्थ डॉ.गौरव अवस्थी की पूर्व में भी शिकायतें सामने आई हैं, उन्हे दो बार शोकाज नोटिस जारी किया जा चुका है, मंगलवार की घटना पर डॉ.अवस्थी की बर्खास्तगी की कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए हैं। बड़वारा के डॉ.अनिल झामनानी को दस्तक अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है, 31 जुलाई को दस्तक अभियान समाप्त होते ही कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। - डॉ.एस.के निगम सीएमएचओ
Created On :   31 July 2019 1:22 PM IST