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-गांव के युवक और युवतियों को दे रहे फिजिकल ट्रेनिंग, कर रहे मार्गदर्शन
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है। कुछ इसी तरह की सोच रखने वाले सेना के रिटायर्ड कमांडो विनोद सिंह ने चितरंगी जैसे पिछड़े क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को पुलिस, सेना और खेल के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कमांडो श्री सिंह चितरंगी क्षेत्र के ग्राम धरौली व आसपास के आधा दर्जन गांवों के युवक और युवतियों को नि:शुल्क फिजिकल ट्रेनिंग देकर उन्हें सेना और पुलिस में जाने के लिये पिछले तीन वर्षों से तैयार कर रहे हैं। वर्तमान में चितरंगी क्षेत्र के आधा सैकड़ा युवक और युवतियां प्रतिदिन फिजिकल ट्रेनिंग लेकर अपने आप को तैयार करने में लगे हुए हैं। अच्छी बात यह है कि अब तक तीन युवा सेना में चयनित हो चुके हैं। जिससे न केवल श्री सिंह का हौसला बढ़ा बल्कि बच्चों में भी उत्साह का माहौल है।
मैदान नहीं है तो खेतों में करते हैं प्रैक्टिस
ग्राम धरौली में खेल मैदान न होने से बच्चों को खेल की प्रैक्टिस करने में खासी परेशानी होती है, लेकिन खेल मैदान न होना युवाओं के जोश के आगे फीका पड़ जाता है। फिजिकल ट्रेनिंग लेने वाले बच्चों में इतना उत्साह रहता है कि वे खाली सडक़ और खेतों में ही अभ्यास करते हैं। फिजिकल ट्रेनिंग के दौरान बच्चों को दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक, तवा फेंक जैसे खेलों का अभ्यास कराया जाता है ताकि बच्चे पुलिस और सेना में होने वाले फिजिकल टेस्ट को आसानी से पास कर सकें।
छत्तीसगढ़ मैराथन जीत चुके हैं बच्चे
कमांडो श्री सिंह ने बताया कि जो बच्चे फिजिकल ट्रेनिंग ले रहे हैं, उनमें से कुछ बच्चे पूर्व के वर्षों में छत्तीसगढ़ मैराथन जीत चुके हैं, जबकि कुछ बच्चे सिंगरौली मैराथन में भी जीत हासिल कर चुके हैं। कमांडो श्री सिंह धरौली के ही रहने वाले हंै, आपका चयन 2002 में सेना में हुआ था। इस दौरान पैराशूट ब्रिगेड में पैरा कमांडो की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्हें साउथ अफ्रीका में भी 8 माह रहकर काम करने का अवसर सेना द्वारा दिया गया था। कमांडो का कहना है कि गांव के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस उचित मार्गदर्शन व अच्छी ट्रेनिंग की दरकार है।
जानकारियां साझा करने बनाया ग्रुप
कमांडो श्री सिंह युवाओं को न केवल फिजिकल ट्रेनिंग देते हैं बल्कि वह कब, कहां और कौन सी नौकरियां निकल रही हैं, इसकी जानकारी देने के लिये सोशल मीडिया पर ग्रुप बना रखा है। इन जानकारियों के साथ वह ग्रुप में ही सामान्य ज्ञान की स्पर्धाएं भी आयोजित करते रहते हैं, ताकि विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकसित हो सके और वह किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिये तैयार रहें। इसके अलावा वह सामाजिक गतिविधियों जैसे पौधरोपण, सफाई अभियान में भी इन बच्चों से योगदान दिलवाते हैं।
खेल मैदान की दरकार
प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों का कहना है कि धरौली में खेल मैदान न होने की कमी अक्सर उन्हें परेशान करती है, क्योंकि कोई भी बड़ी प्रतियोगिता खेल मैदान में आयोजित होती है। बच्चों का कहना है कि धरौली क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त खेल मैदान की व्यवस्था हो जाए तो आने वाले समय में चितरंगी क्षेत्र के बच्चे हर बड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पूरे दमखम के साथ शामिल होंगे और पदक जीतकर ही लाएंगे।
Created On :   30 Aug 2021 3:22 PM IST