बैराज में कम पानी होने से अभी भी टैंकरों पर निर्भर शहर की पेयजल व्यवस्था

Drinking water system of the city still dependent on tankers due to less water in the barrage
बैराज में कम पानी होने से अभी भी टैंकरों पर निर्भर शहर की पेयजल व्यवस्था
खेतों में सूख रही फसल बैराज में कम पानी होने से अभी भी टैंकरों पर निर्भर शहर की पेयजल व्यवस्था

डिजिटल डेस्क,कटनी। मानसून सीजन के बीच में ही ट्रफ रेखा हिमालय की तराई में लौट गई है। जिसके चलते पिछले एक सप्ताह से जिले में कम बारिश हो रही है। खंड बारिश से किसान और शहर के लोग भी परेशान हैं। मानसून इस तरह से फिरकी ले रहा है कि खेतों में लगाई गई खरीफ की फसल सूख रही है तो शहर के अंदर पेयजल व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति बनी हुई है। कटायेघाट बैराज में पानी नहीं आने से सावन माह में भी टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन किया जा रहा है। इधर के बोर भी दम तोड़ चुके हैं। यदि इसी तरह से आगामी एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो स्थितियां और विकराल होंगी। कई किसान तो दोबारा से बुवाई करने के लिए घरों में बीज भी रखे हुए हैं। यदि बारिश नहीं हुई तो घरों में खरीफ का बीज रखा जाएगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी एक-दो दिनों में मानसून फिर से जरूर एक्टिव हो सकता है, लेकिन झमाझम बारिश के लिए इंतजार करना पड़ेगा। जिले के कुछ जगहों पर ही तेज बारिश के आसार दिखाई दे रहे हैं।

100 मिलीमीटर कम बारिश

इस बार पिछले मानसून की अपेक्षा 4 अगस्त तक 109 मिमी कम बारिश हुई है। गत वर्ष 3 अगस्त तक जहां 423.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी थी। वहीं अभी तक 314.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। जिसमें से कुछ तहसीलों में तो सूखे की स्थिति बनी हुई है। सबसे अधिक परेशानी कटनी तहसील में है। जिसका सीधा असर शहर में दिखाई दे रहा है। जल स्तर कम होने के कारण बोर भी जवाब दे रहे हैं।

बोवनी भी पिछड़ी

बारिश नहीं होने से बोवनी भी पिछड़ती जा रही है। मानसून सीजन के दो माह में महज 50 प्रतिशत बुवाई ही किसान किए हुए हैं। 2 लाख 19 हजार लक्ष्य के विपरीत बुवाई हुई है। जिसमें से धान तो सबसे पिछड़ा हुआ है। अभी भी 40 प्रतिशत खेतों में धान नहीं लगी है। नर्सरी तो तैयार है किसान नर्सरी को बचाने के लिए बोर के पानी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन रोपा लगाने के लिए इतना पानी नहीं है कि उससे धान की नर्सरी को खेतों में रोपित किया जा सके। कम बारिश होने से कृषि विभाग भी चिंतित दिखाई दे रहा है।

इनका कहना है

मानसून ट्रफ रेखा हिमालय की तराई में खिसक गई है। जिसके चलते कम बारिश हो रही है। अगले एक दो दिन में फिर से मानसून के एक्टिव होने की संभावना है।
डॉ.संदीप चंद्रवंशी, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र कटनी
 

Created On :   5 Aug 2022 8:46 AM GMT

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