भ्रष्टाचारी सचिव को चार साल की सजा, 20 हजार रुपये जुर्माना

Corrupt secretary sentenced to four years, 20 thousand rupees fine
भ्रष्टाचारी सचिव को चार साल की सजा, 20 हजार रुपये जुर्माना
सरपंचपति से ऑडिट कराने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा था भ्रष्टाचारी सचिव को चार साल की सजा, 20 हजार रुपये जुर्माना

डिजिटल डेस्क कटनी। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने सरपंचपति से ऑडिट कराने के नाम परे दस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोपी दुर्जनपुर ग्राम पंचायत के सचिव बुद्धू लाल पटेल को चार साल के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश पारित किया। प्रकरण में शासन की ओर पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटेल ने की। प्रकरण के अनुसार कैमोर थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम पंचायत में हेमलता सरपंच थीं। हेेमलता का स्वास्थ्य खराब होने से उसने ग्राम पंचायत के कामकाज के देखरेख की जिम्मेदारी पति अरुण सोनी को सौंपी थी। अरुण सोनी द्वारा लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में की गई शिकायत में बताया था कि ग्राम पंचायत दुर्जनपुर में वर्ष 2015-16 में पंच परमेश्वर एवं अन्य योजनाओं के तहत निर्माण कार्य किए गए थे। जिनका ऑडिट होना था। इसके लिए सचिव बुद्धूलाल पटेल ने 37 हजार रुपये की मांग की। वह सचिव को दो हजार रुपये पहले ही दे चुका था। सचिव द्वारा जब और रुपयों की मांग की गई तब लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में शिकायत की।  लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम ने इस शिकायत पर आवेदक को डीवीआर दिया। जिसमें रिश्वत की मांग से संबंधित वार्तालाप को रिकार्ड किया गया। लोकायुक्त पुलिस ने 4 जुलाई 2016 को  आरोपी सचिव बुद्धूलाल पटेल को अरुण सोनी से दस हजार रुपये की रिश्वत रंगेहाथों पकड़ा। लोकायुक्त थाना भोपाल ने अभियोजन के लिए प्रकरण विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन ने अपने समर्थन में सात साक्षियों का परीक्षण कराया एवं 29 दस्तावेजों को प्रमाणित कराया। जिस पर न्यायालय ने आरोपी बुद्धलाल पटेल को भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 1 (डी), सहपठित धारा 13 (2) में दोषी पाते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश पारित किया।
 

Created On :   2 Oct 2021 2:17 PM IST

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