मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एसएलडीसी के वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया

Chief Minister launches SLDCs virtual platform
शिमला - मुख्यमंत्री ने एसएलडीसी के वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एसएलडीसी के वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया

डिजिटल डेस्क, शिमला। 21th July 2020 मुख्यमंत्री ने एसएलडीसी के वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला के उपनगर टुटू में नवीनीकृत हिमाचल प्रदेश राज्य भार संप्रेषण केंद्र (स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) में रीयल टाइम पावर डाटा पहुंच और अनुमोदन के लिए वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केन्द्र क्षेत्र की पावर ग्रिड को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह केन्द्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक विश्व, एक सूर्य और एक ग्रिड के स्वप्न को साकार करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस वर्ष 5 अप्रैल को जब पांच मिनट तक बिजली के पूर्ण बन्द का आह्वान किया था तब यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इससे ग्रिड फेल हो सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसका पूर्ण श्रेय पावर ग्रिड के प्रभावी प्रबन्धन और विनियमन को जाता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में हिमाचल प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एचपीएसएलडीसी) को एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में घोषित किया था और उसके उपरान्त केन्द्र सरकार शेड्यूलिंग और प्रेषण, ऊर्जा लेखांकन, बिल संग्रहण एवं वितरण आदि के लिए एक एकीकृत सूचना प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का विद्युत राज्य होने का गौरव प्राप्त है। देश में उपलब्ध कुल 40 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता में से प्रदेश में 27 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता है। इसमें से 10,600 मेगावाट क्षमता का दोहन किया जा चुका है और शेष क्षमता का शीघ्र दोहन करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के बावजूद प्रदेश सरकार के प्रयास हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के हैं। उन्होने कहा कि हमारी राष्ट्रीय ग्रिड विश्व की सबसे बड़ी समक्रमिक ग्रिड है जिसमें 4 लाख मेगावाट ऊर्जा उत्पादक मशीनरी, एक करोड़ से अधिक ट्रांसमिशन और वितरण लाइनें तथा 28 करोड़ उपभोक्ता हैं। उन्होंने कहा कि 39 भार प्रेषण केन्द्र जिनमें हिमाचल प्रदेश भार प्रेषण केन्द्र भी शामिल है, पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य और कठिन भौगोलिक एवं स्थालाकृति की परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश ने शत-प्रतिशत गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया है। लगभग एक लाख किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से प्रदेश के 23 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को प्रभावी बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए 30 हजार से अधिक बिजली उप-केन्द्र स्थापित किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं बहुद्देशीय परियोजनाएं राम सुभाग सिंह ने कहा कि एसएलडीसी प्रदेश में प्रभावी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कई अनुभवी अधिकारी इस केन्द्र में राज्य को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।, एचपीएसएलडीसी के महाप्रबन्धक सुनील ग्रोवर ने केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कहा कि केन्द्र जनरेटिंग स्टेशनों से विभिन्न लोड केन्द्रों तक बिजली के आर्थिक प्रेषण का कार्य कर रहा है। इसमें आपूर्ति क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति के वास्तविक समय की निगरानी और नियंत्रण भी शामिल हैं। पोसोको, भारत सरकार के मुख्य महाप्रबन्धक के.वी.एस. बाबा और सदस्य सचिव उत्तरी क्षेत्र विद्युत समिति नरेश भण्डारी ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। भाजपा नेता डाॅ. प्रमोद शर्मा, राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के महाप्रबन्धक आर.के. शर्मा व एसएलडीसी के मुख्य अभियन्ता राजीव गुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Created On :   22 July 2020 2:02 PM IST

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