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एनसीएल के अमलोरी प्रोजेक्ट में सीबीआई का छापा, कोल घोटाले की आशंका!
सुबह से चल रही सीबीआई और सीएमपीडीआई की संयुक्त की टीम की जांच, कंपनी प्रबंधन के जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। शुक्रवार को एनसीएल के अमलोरी प्रोजेक्ट में सीबीआई की टीम आने की खबर से हड़कंप मच गया। यह खबर दोपहर के समय क्षेत्र में आग की तरह फैली। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सीबीआई की टीम ने यहां छापामार कार्रवाई करने सुबह करीब 9-10 बजे ही डेरा डाल दिया था। इस कार्रवाई में सीबीआई के साथ सीएमपीडीआई के एक्सपट्र्स सदस्यों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि सीबीआई और सीएमपीडीआई के एक्सपट्र्स सदस्यों की संयुक्त टीम ने सुबह के समय प्रोजेक्ट में कई अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापामार कार्रवाई कर रही है। इसमें पुराने जीएम ऑफिस के पास स्थित स्टोर, सीएचपी के पास सेल्स डिपार्टमेंट के दफ्तर, कोल स्टॉक सेक्शन के दफ्तर और कोयला के नापतौल करने वाले कांटा (वे-ब्रिज) में टीमें एक साथ पहुंचीं। एक साथ प्रोजेक्ट के अलग-अलग दफ्तरों में कार्रवाई इतने गुपचुप तरीके से की गई कि इसकी भनक दफ्तर के बाहर के लोगों को काफी देर बाद लगी, लेकिन दफ्तर में पहुंचते ही टीमों ने सभी प्रकार की गतिविधियों को अपने हाथ में ले लिया। टीम के सदस्य दस्तावेजों की छानबीन में जुटे रहे और जरूरत पडऩे पर पूछताछ भी करते रहे। यह कार्रवाई किस कारण से की गई है? इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक न तो एनसीएल प्रबंधन ने की है और न ही सीबीआई टीम की ओर से कोई जानकारी दी गई है।
कोयला घोटाले की आशंका
सीबीआई की इस छापामार कार्रवाई का कारण सूत्र कोयला घोटाले की ओर इशारा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रोजेक्ट में कोयले की हेराफेरी का खेल कोई आज से नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहा था। इस हेराफेरी में कोयले का बड़ा स्टॉक अवैध तरीके से प्रोजेक्ट के बाहर भेजने या फिर अन्य किसी तरीके से भी कोयले के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कई लोग समय पहले ही प्रोजेक्ट से ट्रांसफर कराकर रफूचक्कर हो गये हैं। लेकिन मामला सीबीआई के पास पहुंचने पर अब कलई खुलने लगी है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से कोलयार्ड से कोयले का काफी बड़ा स्टॉक जल गया है, जिससे कोयले के प्रोडक्शन और डिस्पैच में बड़ा अंतर दिख रहा है।
दो ग्रुप में क्यों आयी हैं टीमें?
इस छापामार कार्रवाई को अंजाम देने के लिए दो प्रकार की टीमें सीबीआई और सीएमपीडीआई के एक्सपट्र्स की आयी हैं। इसका कारण बताया जा रहा है कि शिकायत तो सीबीआई के पास हुई है और कार्यवाही का नेतृत्व भी वहीं कर रही है। लेकिन मामला कोल स्टॉक से जुड़ा है। इसलिए कोयले की मात्रा जांचने-परखने के लिए एक्सपट्र्स के तौर पर सीएमपीडीआई के एक्सपट्र्स सदस्यों की टीम को भी इस जांच में शामिल किया गया है।
एनसीएल के लक्ष्य को पूरा करने की होड़
एक बात यह भी सामने आ रही है कि 31 मार्च तक 113 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य एनसीएल का है। ऐसे में कंपनी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये सभी प्रोजेक्ट्स के बीच होड़ सी मच गई है। इस होड़ में प्रोडक्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाये जाने की आशंका है। सीबीआई की कार्रवाई से इस आशंका को और बल मिल रहा है। वहीं, दूसरी ओर इस कार्रवाई से अमलोरी खदान में दोपहर के समय से कोयला प्रोडक्शन से जुड़ी गतिविधियों को भी बंद कराने की बात सामने आ रही है। इसे लेकर कर्मियों में नाराजगी व्याप्त होने की बात कही जा रही है।
Created On :   20 March 2021 6:39 PM IST