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युवा लगा रहे चक्कर, स्वरोजगार योजना को बैंक अधिकारी नहीं दे रहे ऋण
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डिजिटल डेस्क,कटनी। स्वरोजगार का सपना संजोए हुए युवा बैंकों और जिला उद्योग केन्द्रों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें समय पर ऋण नहीं मिल रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में जिस तरह से बैंक ने महज एक हितग्राही को ही ऋण स्वीकृत किया है। उससे आसानी से समझा जा सकता है कि बेरोजगारों के हाथों में काम देने के लिए बैंक कितना गंभीर है। जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र ने तीन माह के अंतराल में अलग-अलग योजनाओं के 676 प्रकरण भेजे। जिसमें से 5 मई तक की स्थिति में महज एक युवा ही खुशनसीब रहा। जिस पर बैंक अधिकारियों ने दरियादिली दिखाने का काम करते हुए ऋण स्वीकृत किया। बचे 675 युवा आज भी बैंक के दरवाजे में चक्कर लगा रहे हैं।
फैक्ट फाईल
योजना लक्ष्य प्रेषित प्रकरण स्वीकृत
युवा उद्यमी 25 04 00
स्वरोजगार 365 672 01
सृजन कार्यक्रम 36 02 00
कृषक योजना 192 664 00
बैंक नहीं दिखा रहे रुचि
बैंक अधिकारी इस ओर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। तीन माह का कीमती समय युवाओं का आवेदन फार्म भरने के बाद दफ्तरों के चक्कर लगाने में व्यतीत हो गया। शासन ने तो पूरी प्रक्रिया आनलाइन कर दी। जिससे युवाओं को कम परेशानी हो। इसके लिए आवेदन फार्म ऑनलाइन करने के साथ ही बैंकों को भी उद्योग फार्म आनलाइन आवेदन भेजता है। साथ ही युवाओं को इस संबंध में जानकारी भी दी जाती है। इसके बावजूद युवाओं को बैंको और उद्योग विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
टूटा बेराजगारों का भरोसा
मार्च माह में विभाग को जब लक्ष्य मिला, तो युवाओं ने स्वरोजगार में भरोसा जताते हुए लक्ष्य से अधिक आवेदन दिए। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 25 युवाओं को लाभ दिए जाने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें एक दर्जन से अधिक युवा आवेदन दे चुके हैं। जिसमें से 4 प्रकरण बैंकों को भी भेज दिया गया है। इसके बावजूद अभी तक एक भी हितग्राही को लोन नहीं मिला है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के भी हाल-बेहाल हैं। 365 लक्ष्य के विपरीत 672 प्रकरण भेजे चा चुके हैं। जिसमें से एक प्रकरण ही स्वीकृत हुआ है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 36 में से 2 और मुख्यमंत्री कृषक योजना में 192 में 664 प्रकरण बैंको को भेजे जा चुके हैं।
युवाओं ने कहा दें लाभ
इस संबंध में युवाओं का कहना है कि स्वरोजगार योजना का लाभ मिलना चाहिए। शिवम मिश्रा ने कहा कि पिछले वर्ष ही कई आवेदन पड़े हैं। जिसमें अभी तक युवाओं को लाभ नहीं मिल सका है। राकेश निषाद ने कहा कि जिले में जो बड़े उद्योग लगने थे। वे आज तक नहीं लगे हैं। युवाओं के पास एक स्वरोजगार का ही सहारा है। लेकिन बैंक से समय पर ऋण नहीं मिलने से युवक इसे भी नहीं अपना पा रहे हैं। रोजगार मेला भी युवाओं को रोजगार नहीं दे सका। स्वरोजगार योजना से जो आश लगी थी। उसमें भी युवाओं को फायदा होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है।
इनका कहना है
विभाग को युवाओं ने जितने आवेदन दिए। उनकी जांच करते हुए बैंकों को भेजा गया है। ऋण स्वीकृत करने का काम बैंकों का ही है।
- अजय श्रीवास्तव, प्रबंधक, जिला उद्योग व्यापार केन्द्र
स्वरोजगार योजना का लाभ युवाओं को मिलना चाहिए। किस बैंक में कितने प्रकरण रुके हैं। इसकी जानकारी लेने के बाद अधिकारियों से बात की जाएगी।
जिसके बाद ही इस संबंध में और अधिक बताया जा सकता है।
- अमिनाथ महाली, प्रबंधक, लीड बैंक कटनी
Created On :   10 Jun 2019 1:24 PM IST