बदलते मौसम से उपज के खराब होने की आशंका से चिंतित अन्नदाता

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कटनी बदलते मौसम से उपज के खराब होने की आशंका से चिंतित अन्नदाता

डिजिटल डेस्क,कटनी। केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई धान एवं गेहूं के भंडारण की नई नीति को निजी वेयरहाउस के संचालक मानने को तैयार नहीं हैं। प्रशासन और संचालकों के बीच एक माह से गतिरोध का असर अब धान खरीदी के समय दिखाई दे रहा है। इधर बार-बार बदलते मौसम के मिजाज को लेकर किसान और विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ी है तो अभी तक खरीदी के विपरीत महज 23 प्रतिशत ही धान गोदामों के अंदर पहुंची है। दस दिनों के अंतराल में खरीदी रफ्तार पकड़ चुकी है। 81 खरीदी केन्द्रों में अभी तक 3 हजार 612 किसान करीब 3.50 लाख क्विंटल धान शासन को बेच चुके हैं। जिसमें करीब 50 हजार क्विंटल धान का ही परिवहन हुआ है। प्रशासन भी वेयर हाउस संचालको की मनमानी पर अधिग्रहण करना शुरु कर दिया है। जिससे की खरीदी के समय किसी तरह से व्यवधान उत्पन्न न होने पाए।

आउटसोर्स को किया शामिल 

नई भण्डारण नीति में वेयर हाउसों में रखे जाने वाले अनाज की सुरक्षा एवं मेंटनेंस का कार्य आउटसोर्स को सौंप दिया है। साथ ही वेयर हाउसों के किराया में 50 प्रतिशत कटौती कर 84 रुपए प्रति मीट्रिक टन के स्थान पर 40 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया है। संचालक किराए में हुई कटौती के खिलाफ लामबंद हो गए थे और धान के भंडारण के लिए वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन से अनुबंध करने ऑनलाइन ऑफर की औपचारिकता में ही हिस्सा नहीं लिए थे।

स्लॉट बुकिंग में समस्या

इस बार खरीदी में किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। जिसके लिए स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था लाई गई है, लेकिन सर्वर और अन्य तकनीकी समस्या के चलते किसानों को फजीहत हो रही है। स्लाट बुकिंग के समय कई बार सर्वर फेल होने की समस्या के चलते अन्नदाता परेशान हो जाते हैं। इसके लिए कई किसानों ने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई है।

लगी है धान की ढेर

केन्द्रों में धान की ढेर लगी है। जिसके चलते जिन केन्द्रों में बम्पर आवक हुई है। वहां पर व्यवस्था बनाने में ही खरीदी केन्द्र के प्रभारी और कर्मचारी लगे रहते हैं। जगह की कमीं होने के चलते यहां पर उपज ले जाने वाले किसानों को भी परेशानी हो रही है। एक तरफ बोरियों का ढेर लगा हुआ है तो दूसरी तरफ उपज रखने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है।

इनका कहना है

भण्डारण के लिए अभी भी कई वेयरहाउस के संचालक अनुबंध नहीं किए हैं। अधिगृहण की कार्यवाही की जा रही है।
-योगेन्द्र सिंह सेंगर, प्रबंधक, एमपीडब्ल्यू सीएल
 

Created On :   10 Dec 2022 4:32 PM IST

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