जर्जर स्कूल भवन , खतरे में विद्यार्थियों की जान, दौड़ रहे सिर्फ कागजी घोड़े

A rickety school building student study in danger situation
 जर्जर स्कूल भवन , खतरे में विद्यार्थियों की जान, दौड़ रहे सिर्फ कागजी घोड़े
 जर्जर स्कूल भवन , खतरे में विद्यार्थियों की जान, दौड़ रहे सिर्फ कागजी घोड़े

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढन)। पुराने और जर्जर हो चुके भवन अब गिरे-तब गिरे की स्थितियों में पहुंच चुके हैं और इन भवनों की जर्जर स्थितियों को लेकर स्थानीय सर्व शिक्षा केन्द्र के माध्यम से सर्वे कराकर पुनर्निर्माण की सूची राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को भेजी जा चुकी है। जहां से स्कूलों के पुर्ननिर्माण के लिए अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं और आवंटन न मिलने की वजह से इन स्कूलों का सुधार भी नहीं कराया जा सका है। सूत्र बताते हैं कि कई स्कूलों की स्थिति काफी दयनीय और डरावनी हो चुकी है जिसमें अभी भी नौनिहाल शिक्षा ग्रहण कर रहे है और बारिश के इस मौसम में जर्जर भवनों के ढहने से कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। इस मामले में प्रशासन के द्वारा न तो कोई ठोस निर्देश दिए गए हैं और न ही अन्यत्र शालाएं लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। 

जर्जर भवनों में 64 प्रायमरी स्कूल

अधिकारिक स्तर पर जो जानकारी राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को भेजी गई है उसमें 76 स्कूलों में से 64 स्कूल प्रायमरी के बताये गए है। इन जर्जर स्कूलों की हालत काफी दयनीय हो चुकी है और ये कभी भी धराशायी हो सकते हैंं। बताया जाता है कि जर्जर स्कूलों को डिस्मेंटल कर वहां नए स्कूल भवन बनाए जाने का प्रावधान तैयार किया जाना है और इसके लिए शासन द्वारा या तो पंचायत मद से या फिर विभागीय स्तर पर भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाए, लेकिन इस दिशा में अभी कोई पहल नहीं हो सकी है। यहीं हाल 12 अपर प्रायमरी स्कूलों का भी है जिनके स्थान पर भी नए स्कूल भवनों का निर्माण कराया जाना है। 

विकासखंडों के हालात बद्तर

बताया जाता है कि जिले के तीन विकासखंडों में प्रायमरी और अपर प्रायमरी स्कूलों की जो बद्तर स्थितियां सामने आई हैं उनमें सबसे कम स्कूल वैढऩ विकासखंड के सामने आए हैं, जहां सिर्फ 9 प्रायमरी स्कूलों को डिस्मेंटल कर वहां नए भवन बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सबसे अधिक जर्जर भवन चितरंगी में है, यहां 35 भवन जर्जर है जिसमें से 7 भवन अपर प्रायमरी अर्थात मिडिल के हैं और शेष 28 स्कूल प्रायमरी हैं जहां इन भवनों को डिस्मेंटल कर निर्माण का कार्य किया जाना है। इसी तरह देवसर विकासखंड में 33 में से 5 स्कूल मिडिल और शेष 28 स्कूल प्रायमरी के हैं जहां नए भवनों का निर्माण होना है। इन सभी स्थानों में भवनों की स्थितियां वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत है, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। 

Created On :   1 Aug 2019 1:37 PM IST

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