औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग में नष्ट होता है कालसर्प दोष

औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग में नष्ट होता है कालसर्प दोष
  • अहिल्यादेवी होल्कर ने कराया पुनर्निमाण
  • धार्मिक पर्यटन स्थल
  • नागपुर से कैसे जाएं

डिजिटल डेस्क, हिंगोली, राकेश भट्ट। मराठवाड़ा के हिंगोली जिले में स्थित दारुका वन यानी औंढा नागनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल हैं। यह मंदिर कालसर्प दोष निवारण के लिए भी ख्यात है। पूरे देश में कालसर्प दोष की शांति वाराणसी के विश्वनाथ , नाशिक के त्र्यंबकेश्वर और हिंगोली के औढ़ा नागनाथ मंदिर में ही होती है। यह मंदिर हेमाडपंथी वास्तुकला का नायाब नमूना है। सावन में यहां बम बम भोले की गूंज होती है।

मंदिर पर प्रशासन द्वारा नियुक्त समिति का नियंत्रण है। समिति अध्यक्ष स्थानीय विधायक और सचिव तहसीलदार होते हैं। अन्य सदस्यों का चयन सहायक धर्मादाय आयुक्त करता है।

अहिल्यादेवी होल्कर ने कराया पुनर्निमाण

सुंदर पहाड़ियों से घिरे मंदिर को मुगलकाल में औरंगजेब ने खंडित कर दिया था। कहा जाता है कि शिवलिंग भंग करने के लिए औंरगजेब ने तलवार उठाई तो ज्योर्तिलिंग जमीन में धंस गया। आज भी यह उसी अवस्था में है। शिवभक्त गर्भगृह में उतरकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं। इंदौर की रानी अहिल्यादेवी होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। आजादी के बाद मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हो गया।

पांडवों ने स्थापित किया था शिवलिंग : मंदिर द्वापर युगीन माना जाता है। कहते हैं, महाभारत काल में वनवास के दौरान पांडव जब वन-वन भटक रहे थे, तब उन्होंने दारुका वन में काफी समय तक वास किया था। उनके साथ कपिला गाय भी थी। एक दिन अचानक कपिला ने दूध देना बंद कर दिया। दरअसल वह एक झील में स्थित तेजोमय शिवलिंग पर दूध छोड़ देती थी। भीम उस विशालकाय शिवलिंग को झील से बाहर लाए और पांडवों ने विधि-विधान से दारुका वन में शिवलिंग की स्थापना की।

धार्मिक पर्यटन स्थल

औंढा नागनाथ धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। {चारों और दारुका वन की पहाड़ियों से घिरे मंदिर में आकर्षक बगीचा बनाया गया है। {पहाड़ियों और झील के बीच बने बगीचे में हजारों प्रजातियो के पेड़-पौधे लगाए गए हैं। {दारुका झील में पर्यटकों के लिए बोटिंग की सुविधा और संगीतमय फव्वारा है।

तीन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग!

बीड जिले के परली वैजनाथ ज्योतिर्लिंग की तरह ही औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग को लेकर भी वर्षों से विवाद है। शिव पुराण और द्वादश ज्योतिर्लिंग के अनुसार नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दारूक वन में स्थापित है। लेकिन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से तीन प्रसिद्ध मंदिर हैं- द्वारका (गुजरात), अल्मोड़ा (उत्तराखंड), हिंगोली (महाराष्ट्र) में हैं।

नागपुर से कैसे जाएं

नागपुर से अकोला तक ट्रेन जाती है। यहां से बस और ट्रेन से हिंगोली जा सकते हैं।


Created On :   21 Aug 2023 5:03 PM IST

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