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Damoh News: मिशन अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड आज से यहां पर नहीं होगा इलाज

- दमोह में 7 मौतों का मामला: अस्पताल संचालक सहित 9 लोग फरार
- जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल को मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया था।
- सीएमएचओ के अनुसार, अस्पताल में लैब टेक्नीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई थी।
Damoh News: फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट, अवैध कैथ लैब और उसमें ढाई महीने में 15 हार्ट सर्जरी, जिनमें से 7 मरीजों की मौत। इन सब बातों को लेकर सुर्खियों में रहे दमोह के विवादित मिशन अस्पताल का बुधवार को प्रशासन ने लाइसेंस सस्पेंड कर दिया। अस्पताल की ओपीडी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश जारी किए गए। अब गुरुवार से शहर के राय चौराहा के पास स्थित सेंट्रल इंडिया क्रिश्चियन मिशन द्वारा संचालित मिशन अस्पताल का संचालन बंद हो जाएगा।
इधर, अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने अस्पताल का संचालन बंद करने या लाइसेंस निलंबित करने संबंधी कोई भी आदेश प्राप्त होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनके पास अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं आया।
गौरतलब है कि पुलिस ने मंगलवार को जबलपुर के डॉक्टर अखिलेश दुबे के फर्जी (कूटरचित) हस्ताक्षर कर कैथ लैब का रजिस्ट्रेशन कराए जाने पर मिशन अस्पताल के संचालक अजय लाल व प्रबंधन समिति के 8 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं। वहीं जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल को मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया था।
अस्पताल प्रबंधक का दावा- हम नियम से चल रहे
मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने दावा किया कि अस्पताल का संचालन नियमानुसार ही हो रहा है। 14 अप्रैल को ही लाइसेंस रिन्यूअल का आवेदन कर दिया गया था। अब केवल निरीक्षण होना बाकी है। निरीक्षण के बाद जो कमियां बताई जाएंगी, उन्हें दूर करेंगे। उन्होंने यह जरूर स्वीकारा कि एमडी पैथोलॉजिस्ट ने डर के कारण नोटिस पीरियड से पहले ही रिजाइन दे दिया है, इसलिए ब्लड बैंक, लैब भी बंद कर दी है। डायलिसिस यूनिट का रीन्यूअल होना है, लेकिन इस विवाद के चलते वह नहीं हो पाया, इसलिए वह भी बंद है। कैथ लैब भी सील हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान के पोर्टल पर सारी जानकारी है, हम अब कोर्ट में ही कुछ कहेंगे।
11 दिन पहले सुर्खियों में आया था अस्पताल
विगत दस साल से चल रहा 130 बिस्तर वाला मिशन अस्पताल बीती 6 अप्रैल को तब सुर्खियों में आया था जब यहां के कथित फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एन. जॉन केम उर्फ नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव द्वारा दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच जो 15 हार्ट की सर्जरी की गईं, उनमें से 7 मरीजों की मौत हो जाने के मामले का खुलासा हुआ। सीएमएचओ और डीएचओ ने जांच में दो मौतों की पुष्टि की थी। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी चिकित्सक फरार हो गया। 7 अप्रैल की रात पुलिस उसे प्रयागराज से गिरफ्तार कर लाई। तब से आरोपी रिमांड पर है।
फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के पास करीब 20 डिग्रियां मिली हैं, जिनमें से अधिकांश के फर्जी होने का संदेह है। एसआईटी उससे पूछताछ में जुटी है। साथ ही मामले में इंटरनेशनल कनेक्शन की भी पड़ताल कर रही है। आरोपी 17 तक रिमांड पर है।
कानूनगो ने लायसेंस देने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल
यहां एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने मिशन अस्पताल को लाइसेंस देने की प्रक्रिया पर सवाल डइाते हुए, इस पूरे मामले में सीएमएचओ को भी दोषी ठहराया है। श्री कानूनगो ने कहा कि जिस डॉक्टर के नाम पर लाइसेंस दिया गया, वह निरीक्षण के दौरान मौजूद नहीं था। फिर भी अस्पताल को लाइसेंस कैसे मिल गया? उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमएचओ और प्रशासन डॉक्टर अजय लाल को बचा रहे हैं। साथ ही चेतावनी भी दी कि इस मामले में चाहे सीएमएचओ हो या कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
1 अप्रैल से बिना पंजीयन चल रहा था अस्पताल
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मुकेश जैन ने अस्पताल को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी करने की जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल का पंजीयन 31 मार्च 2025 तक वैध था। अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन प्रबंधन ने मांगे गए दस्तावेजों को जमा नहीं किया।
सीएमएचओ के अनुसार, अस्पताल में लैब टेक्नीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई थी। इन कमियों के चलते अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है। नए मरीजों के इलाज पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। अस्पताल में मौजूद मरीजों को 3 दिन के भीतर जिला अस्पताल में शिफ्ट करना होगा। हालांकि, वर्तमान में अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं है।
Created On :   17 April 2025 3:39 PM IST