महाराष्ट्र के भुसावल और मनमाड़ स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी का भांडाफोड़, बिहार से जुड़े तार

महाराष्ट्र के भुसावल और मनमाड़ स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी का भांडाफोड़, बिहार से जुड़े तार
  • भुसावल और मनमाड़ स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी का भांडाफोड़
  • दोनो स्टेशनों से छुड़ाए गए 59 बच्चे
  • मदरसे के नाम पर बिहार से की जा रही थी तस्करी
  • बाल मजदूरी का अंदेशा

डिजिटल डेस्क, भुसावल, अभिजीत अढाव / सोमनाथ कोठुले, नाशिक। महाराष्ट्र के भुसावल और मनमाड़ स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी का बड़ा भांडाफोड़ हुआ है, ह्यूमन ट्रैफिकिंग बिहार से की जा रही थी। सभी बच्चे समुदाय विशेष से संबंध रखते हैं। दोनो स्टेशनों पर हुई कार्रवाई के दौरान रेलवे सुरक्षा बल ने कुल 59 नाबालिगों को छुड़ाया है। जिसमें भुसावल में 29 बच्चों का रेस्क्यू किया गया।


उधर मनमाड़ स्टेशन से चार लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें 12 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इसके बाद बच्चे नाशिक के बाल सुधारगृह को सौंपे गए। बताया जा रहा है कि सभी बच्चों को मदरसों के नाम पर भेजा जा रहा था, लेकिन इस बारे में उनके पास कोई दस्तावेज नहीं मिले।

बुधवार रात ट्रेन में किसी यात्री को जब संदेह हुआ, तो उसने ट्वीट कर रेल्वे पुलिस को जानकारी दी थी। जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया। सूत्रों के अनुसार बच्चों के साथ सफर कर रहे कथित अध्यापकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चांदवड कोर्ट में पेश किया गया।

पूछताछ की गई तो पुलिस को तार बिहार से जुड़ते मिले, जहां से बच्चों को महाराष्ट्र के सांगली और पिंपरी चिंचवड भेजा जा रहा था। सूत्रों के अनुसार छुड़ाए गए सभी बच्चों की उम्र 8 से 18 वर्ष के बीच हैं।


इसी तरह जब भुसावल स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में छानबीन की गई तो बच्चों के साथ एक शख्स को पकड़ा गया, जिसका नाम मोहम्मद अंजूर आलम, उम्र 34 साल है। आरपीएफ निरीक्षक राधाकिशन मीणा की शिकायत पर रेलवे लोहमार्ग पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।

रेलवे सुरक्षा बल को जानकारी मिली थी कि दानापुर-पुणे एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 01040 में बच्चों की तस्करी की जा रही है। सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिस ने एक सामाजिक संगठन के सहयोग से संयुक्त अभियान चलाया। ट्रेन स्टेशन पर आने के बाद जांच की गई, तो टीम ने पाया कि 8 से 15 साल की उम्र के 29 बच्चे अलग-अलग कोच में सफर कर रहे हैं। इसके बाद सभी बच्चों को स्टेशन पर उतारकर उनके साथ सफर कर रहे संदिग्ध को थाने लाया गया। जहां से बच्चों को देखभाल के लिए जलगांव के बाल निगरानी गृह भेज दिया गया।

रेल पुलिस ने टीम बनाकर अलग अलग बोगियों का जायजा लिया गया था, बच्चों के साथ जा रहे शख्स से पूछा गया, तो वो कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहा था।

संदेह

आरपीएफ को संदेह है कि इन बच्चों को चाइल्ड लेबर के लिए भेजा जा रहा था, ह्यूमन ट्रैफिकिंग बिहार के पूर्णिया जिले से की गई थी, हालांकि तस्करी का असल मकसद क्या है, इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा।


Created On :   31 May 2023 6:55 PM IST

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