विश्व दलहन दिवस: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा विश्व दलहन दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा विश्व दलहन दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा विश्व दलहन दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर विषय विशेषज्ञ डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय (जे.एन.के.वी.वी.) गंजबसोदा सहित डॉ. एच. डी. वर्मा डीन, कृषि संकाय, डॉ. अशोक कुमार वर्मा, विभागाध्यक्ष कृषि संकाय, डॉ. ऋषिकेश मंडलोई, कृषि संकाय के सभी सहायक प्राध्यापक एवं छात्र छात्रायें विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस मौके पर डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय (जेएनकेवीवी), गंजबसोदा, मध्य प्रदेश ने विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने दलहन फसलों का महत्व को बताया कि दलहन न केवल पोषण मूल्य में समृद्ध होते हैं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने में भी योगदान देते हैं। किसानों को दलहन फसलों की उन्नत किस्मों को अपनाने और सतत कृषि तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि दलहन फसलें वायुमंडल से नाइट्रोजन को स्थिर कर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है। कीट प्रतिरोधी अरहर और चना किस्मों का चयन: मध्य प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार किसानों को कीट प्रतिरोधी अरहर और चना की उन्नत किस्मों को अपनाने की सलाह दी गई। एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) और एकीकृत रोग प्रबंधन (IDM) को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जैविक और सतत कृषि तकनीकों के प्रयोग से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।

कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने दलहन फसलों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि दलहन मानव आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और प्रोटीन का प्रमुख स्रोत होने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम किसानों और विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी रहा। इससे दलहन उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और उनके पोषण मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सहायता मिली।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋषिकेश मंडलोई, सहायक प्राध्यापक, कृषि संकाय ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों, शिक्षकों, छात्रों और सहायक कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Created On :   5 March 2025 8:07 PM IST

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