RTI Report: VVIP लोगों की उड़ानों पर एयर इंडिया का 822 करोड़ रुपए बकाया
- एअर इंडिया का 822 करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी बकाया
- एयरलाइन के उधार लिए गए टिकटों का भी उधार भी बकाया
- बिलों का भुगतान मंत्रालयों/ विभागों द्वारा किया जाता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नकदी संकट से जूझ रही देश की सरकारी एयरलाइन कंपनी Air India (एयर इंडिया) बिकने के लिए तैयार है। सरकार इसके खरीददारों की तलाश भी कर रही है। बीते दिनों सरकार ने एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया था। इस बीच एक आरटीआई के जवाब सामने आया है कि इस एयरलाइन को सरकार ने बचाने की जगह बोझ डालने का काम किया है। दरअसल, कई VVIP का एअर इंडिया का 822 करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी बकाया है।
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इतना बकाया
आरटीआई आवेदन के उत्तर में बताया गया है कि, VVIP की चार्टर उड़ानों को लेकर 30 नवंबर 2019 तक उसका 822 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया था। कंपनी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में विशेष विमानों के प्रयोग के अतिरिक्त 9.67 करोड़ रुपए तथा विदेशी अतिथियों के लिए उड़ानों के मद का 12.65 करोड़ रुपए बकाया है।
बता दें कि एयर इंडिया वीवीआईपी उड़ान सेवाओं के तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यात्रा में चार्टर विमान की सुविधाएं देती हैं। इनके बिलों का भुगतान मंत्रालयों/ विभागों द्वारा किया जाता है।
तीन साले से बकाया
RTI के अनुसार चार्टर उड़ानों का बकाया ही नहीं, सरकारी अधिकारियों द्वारा एयरलाइन के उधार लिए गए टिकटों का भी 31 मार्च 2019 तक 526.14 करोड़ रुपए बकाया था। इनमें से 236 करोड़ रुपए से अधिक के बिल तीन साल से भी अधिक समय से बकाया थे।
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कंपनी ने अपनी अकाउंट बुक में 282.82 करोड़ रुपए को भी "संभवत: वसूली न होने वाली" रकम में डाल दिया। एयर इंडिया ने पिछले साल से CBI और ED जैसी सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को उधार में टिकट जारी करना बंद कर दिया है। इन एजेंसियों पर टिकट का 10 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया है।
टाटा ग्रुप कर सकती है अधिग्रहण
उल्लेखनीय है कि सरकार लगातार एयर इंडिया को बेचने के लिए प्रयास कर रही है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कभी एयर इंडिया के मालिक रहे टाटा ग्रुप की ओर से इस कंपनी का अधिग्रहण किया जा सकता है।
Created On :   7 Feb 2020 7:00 AM GMT