AGR मामले में टेलीकॉम कंपनियों की SC से गुहार, पेनल्टी वापस लेने दायर की याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, टाटा टेलीसर्विसेज ने शुक्रवार को एजीआर (एडजस्टेबल ग्रॉस रेवेन्यू) मामले में अलग-अलग पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका में टेलीकॉम कंपनियों ने उनपर लगाई गई पेनल्टी और ब्याज में छूट देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को आदेश देते हुए एजीआर मामले में 92,000 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था।
Bharti Airtel, Vodafone Idea, Tata Teleservices file review petitions in Supreme Court challenging the Court"s earlier order of October 24, which had directed the telecom companies to pay around Rs 92,000 crores to the Centre on AGR (Adjusted Gross Revenue) issue. pic.twitter.com/GIndtWSOsZ
— ANI (@ANI) November 22, 2019
बता दें कि दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया ने एजीआर के चलते 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नुकसान दर्ज किया। यह किसी भी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा क्वाटर्ली नुकसान है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
नतीजों के बाद कंपनी ने अपने आप को बाजार में बनाए रखने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अब वह सरकार की राहत पर निर्भर है। वोडाफोन आइडिया पर एजीआर का लगभघ 39,000 कोरोड़ रुपए बकाया है।
इस तिमाही एयरटेल को भी झटका लगा था। नतीजों के मुताबिक एयरटेल को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। एयरटेल को भी AGR की वजह से इस तिमाही में इतना नुकसान हुआ है। उसे AGR के कुल 28,450 करोड़ रुपये चुकाने हैं।
सुप्रीम कोर्ट का एजीआर पर फैसला पिछले महीने 24 अक्टूबर को आया था। सरकार का पक्ष यह था कि टेलीकॉम कंपनियों की सालाना एजीआर की गणना करने में गैर टेलीकॉम कारोबार से होने वाली आय को भी जोड़ा जाए। कोर्ट ने सरकार के पक्ष को मंजूरी दी थी।
सालाना एजीआर के ही एक हिस्से का भुगतान टेलीकॉम कंपनी लाइसेंस और स्पेकट्रम शुल्क के रूप में करती है। इस फैसले का सबसे बुरा असर वोडाफोन इंडिया लिमिटेड पर पड़ा।
Created On :   22 Nov 2019 12:40 PM GMT