अडानी ट्रांसमिशन 2050 तक नेट-जीरो हो जाएगा
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- एटीएल ने अक्टूबर 2021 में एसबीटीआई के लिए प्रतिबद्ध किया
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) ने अपनी ग्रीन हाउस गैसों (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी की योजना प्रस्तुत की है, जो कि विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) पर केंद्रित है। यह एक ग्लोबल वामिर्ंग युक्त अंतरराष्ट्रीय अभियान है।
एटीएल ने ग्लोबल वामिर्ंग को नियंत्रित करने में योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की दिशा में एक वर्ष के भीतर जीएचजी उत्सर्जन में कमी के लिए अपनी विस्तृत योजना और लक्ष्य एसबीटीआई को सौंप दिए हैं।
सतत विकास और अपनी शुद्ध शून्य यात्रा पर अपने निरंतर ध्यान के एक भाग के रूप में, एटीएल ने अक्टूबर 2021 में एसबीटीआई के लिए प्रतिबद्ध किया। एटीएल बहुत आवश्यक जलवायु कार्रवाई के साथ संरेखण में कार्य करेगा और ग्लोबल वामिर्ंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की रणनीति तैयार करेगा।
एसबीटीआई प्रतिबद्धता से जुड़े इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, एटीएल ने निश्चित रणनीतियां तैयार की हैं। देश में अपनी तरह की पहली पहल में, एटीएल की सहायक एईएमएल (अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड) ने हरित टैरिफ पेश किया है, जो एईएमएल उपभोक्ताओं को हर महीने हरित ऊर्जा का विकल्प चुनने और हर महीने ग्रीन पावर सर्टिफिकेट प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह पहल उन उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय है जो अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करना चाहते हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   22 Sept 2022 1:00 AM IST