Solar Eclipse 2020: जानिए ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का महत्त्व, और किन राशियों पर होगा इसका प्रभाव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रविवार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या के दिन भारत में दिखाई देगा। भारत में सूर्यग्रहण का प्रारंभ सुबह 10 बजकर 13 मिनट 52 सेकंड दिन से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट 52 सेकंड तक रहेगा। सूर्य ग्रहण को एक प्रमुख खगोलीय घटना के रुप में जाना जाता है l ज्योतिष शास्त्र में तो सूर्य ग्रहण का बहुत ही विशेष महत्व माना है l सूर्य का मेष राशि में गोचर 13 अप्रैल को हुआ है l जिसे मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है l सूर्य मेष राशि उच्च राशि होती है l
21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य होगा l जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है l भारत के अलावा यह खंडग्रास सूर्यग्रहण विदेश के कुछ क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त दक्षिण-पूर्व यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के प्रमुख हिस्सों में भी देखा जा सकता है l
खंडग्रास सूर्यग्रहण से मिथुन राशि होगी प्रभावित: -
इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर मिथुन राशि पर पड़ेगा l क्योंकि पंचांग के अनुसार 21 जून आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है l इस दिन मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा l मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा l
देश और दुनियां पर इस सूर्य ग्रहण का बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा: -
21 जून से 12 दिसम्बर तक देश-विदेशो में काई जगह महामारी, दुर्घटना, लूटमार और प्राकृतिक आपदा देखने को मिलेगी, वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण पुरे विश्व में जहाँ हाहाकार मचा हुआ हे इस सूर्य ग्रहण के कारण कुछ और समस्या बढ़ेगी l 14 दिसंबर को जो साल का दूसरा सूर्य ग्रहण के बाद उसके बाद पिछले ग्रहण का असर समाप्त हो जायगा और सभी और सुकून शांति मिलना आरम्भ हो जायगा l परन्तु वहीँ इस 6 माह में कुछ नई और सकारात्मक घटनाएँ भी घटेंगी जैसे व्यापार के नए साधन बनेंगे कुछ नई कम्पनिया अपना विस्तार कर सकेंगी और इंटरनेट के माध्यम से व्यापार के नए रुप निकलकर आयेंगे जो आर्थिक रुप से मजबूती प्रदान करेंगे l
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है: -
- मेष : पद-सम्मान की प्राप्ति।
- वृषभ : व्यापार में हानि, परेशानी।
- मिथुन : घटना-दुर्घटना।
- कर्क : चोट की आशंका।
- सिंह : जीवनसाथी को सुख।
- कन्या : शुभ समाचार।
- तुला : वाद-विवाद हो सकता है।
- वृश्चिक : परेशानी।
- धनु : जीवनसाथी को कष्ट।
- मकर : शुभ।
- कुंभ : तनाव व मानसिक परेशानी।
- मीन : अधिक खर्च रहेगा।
विशेष :-
ग्रहण समाप्ति के बाद गंगा, जमुना, सरस्वती, रेवा, कावेरी, सरस्वती या किसी पवित्र में नदी स्नान करें। यह संभव न हो तो तालाब, कुएं या बावड़ी में स्नान करें। यह भी संभव न हो तो घर पर तीर्थ जल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण में दान का महत्त्व: -
- ग्रहण समाप्ति के पश्चात मच्छरदानी का दान करें।
- तेल, कपास, स्वर्ण या कंबल का भी दान कर सकते हैं।
- सबसे श्रेष्ठ दान मच्छरदानी या हवन सामग्री या काली तिल का दान करें।
विनोद सोनी पोद्दार
Created On :   20 Jun 2020 8:25 PM IST