मणिपुर हिंसा: मणिपुर में फिर दिखे हिंसा भड़कने के आसार, पहाड़ पर पुजारी और हथियारबंद लोगों की वीडियो क्लिप से बौखलाया मैतई समुदाय

  • मणिपुर में फिर देखे हिंसा के आसार
  • पहाड़ पर पुजारी ने ईसाई क्रॉस लगाया
  • वीडियो देख बौखलाया मैतई समुदाय

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-03 17:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़कने के आसार नजर आए हैं। मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, राज्य के मोइरंग शहर की पहाड़ी के ऊपर कुछ लोगों की ओर से ईसाई क्रॉस लगाया गया है। कहा जा रहा है कि इससे राज्य में हिंसा फैल सकती है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार, शहर की इस पहाड़ी पर एक मंदिर मौजूद है। जिससे वहां रहने वाले मैतेई लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। बता दें, यह शहर मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 60 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले में झील के किनारे में स्थित है। वहीं, थांगजिंग पहाड़ी पर मैतई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं। इस स्थान को देवता इबुधौ थांगजिंग का घर भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, यह पहाड़ी लगभग 2000 वर्ष पुरानी है, जहां पर रह रही जनजातियां पहाड़ी श्रृंखला को थांगटिंग के नाम से जानती है।

साल 2015 में थांगटिंग का नाम बदला 

साल 2015 में मणिपुर की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दिसंबर में थांगटिंग का नाम चेंज कर दिया था। इस बात से नाराज होकर लोग भड़क गए जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया था। वहीं, पहाड़ी पर क्रॉस लगाना का वीडियो भी सामने आया है। हालांकि, यह वीडियो किस तारीख पर लीक हुआ था। इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है। इस वीडियो में एक पुजारी को पहाड़ी की चोटी पर कुछ लोगों के साथ जाते हुए देखा जा सकता है। फिर वे सभी लोग उस क्रॉस को पहाड़ी पर स्थापित करके पूजा करना शुरू कर देते है। इस दौरान पुजारी के साथ कुछ लोग असॉल्ट राइफल लेकर भी खड़े रहते हैं। इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये हथियारबंद लोग किसी विद्रोही समूह से जुड़े हो सकते हैं।

त्रिपक्षीय युद्धविराम पर किए थे हस्ताक्षर  

त्रिपक्षीय युद्धविराम को लेकर मणिपुर और केंद्र सरकार के बीच दस्तखत हुए थे। इसके बाद अब इस वाकया को संघर्ष विराम की शर्तों का उल्लंघन के तौर पर देखा जा रहा है। उधर, कुकी और जो जनजाति समूह के लोग थांगजिंग पहाड़ी को मैइतियों का धार्मिक स्थल नहीं मानते हैं। एनडीटीवी के अनुसार, कुकी-जो समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्जा वुआलजोंग ने बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने मैतेई समुदाय के धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण करने से साफ मना किया है। प्रवक्ता ने आगे कहा, "क्रॉस ईसाई धर्म का प्रतीक है। आप इसे ईसाई लोगों के घरों में देख सकते हैं। थांगजिंग पहाड़ी पर क्रॉस लगाना हमारी आस्था और धर्म को दिखाने का ही तरीका है। इसे किसी अन्य धर्म के खिलाफ उठाया गया कमद नहीं माना जाना चाहिए।"

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